वन स्टॉप सेंटर ने समझाईश देकर तीन परिवारों की खुशियॉ लौटाई
कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देशानुसार जिले में किसी भी हिंसा से पीडित महिला एवं बालका हेतु संचालित वन स्टॉप सेंटर (सखी) धार में जनसुनवाई व महिला हेल्प लाइन से प्राप्त प्रकरणों में कार्यवाही कर पुनः परिवारों को जोडा जा रहा है। प्रथम प्रकरण में एक महिला द्वारा जनसुनवाई में अपने पति के विरूद्ध प्रकरण का आवेदन दिया गया। प्रार्थियां ने बताया कि वह कैंसर जैसी भयानक बीमारी से ग्रसित है व पति द्वारा दुसरी महिला से संबंध के चलते उनके साथ लड़ाई झगडा कर उन्हें घर से निकल जाने को कहा था। अतः वे पिछले 8 दिनों से इधर उधर रहकर अपना गुजर बसर कर रही। उनके पति को बुलाया। सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास भारती दांगी द्वारा विपक्षी को बुलवाकर कार्यवाही करने को कहा और वन स्टॉप सेंटर (सखी) पर दोनों पक्षों को काउंसलिंग के लिए बुलवाया गया। प्रशासक ज्योत्सना सिंह ठाकुर द्वारा दोनों पक्षों से बात कर समझाईश दी गई कि उम्र के इस पडाव पर दोनों पक्ष साथ में अच्छे से रहे। बच्चों की शादी के बारे में सोचे स्वयं को छोडकर काउंसलर चेतना राठौर द्वारा विपक्षी से बात कर उन्हे प्रार्थिया की बीमार अवस्था में उनका सहयोगी बन उनकी देखभाल करने के लिए समझाइष दी व भविष्य में प्रार्थिया के साथ ऐसा न करने को कहा गया। समझाईश के बाद विपक्षी द्वारा प्रार्थिया को अच्छे से रखने का विश्वास दिलाया गया। वही दुसरे प्रकरण में महिला द्वारा बताया गया कि उनके पति द्वारा उनके व उनके पिता के साथ झूठबोलकर पैसो की धोखाधड़ी की गई। पति की मदद कर जमीन की रजिस्ट्री पर गाड़ी दिलवायी और अब वह इस बात से इनकार कर पिता को पैसों के लिए उलझा रहे। साथ ही प्रार्थिया के स्कालरशिप के पैसे भी उन्हें बिना बताये निकाल लिए जिससे प्रार्थिया की पढ़ाई का दो वर्ष का नुकसान हो गया है। अतः बुलवाकर कार्यवाही करने का आवेदन किया गया। दोनों पक्षों की उपस्थित 4 बार काउंसलिंग की गई। दोनों पक्षों के बीच हो रही गलत फहमियों को दुर कर आपसी सहमती से समझौता हुआ l तीसरे प्रकरण में महिला द्वारा पति के विरूद्ध शिकायत कर बताया की पति द्वारा निकाह से लेकर अब तक शराब पीना लड़ाई झगड़ा मारपीट करना घर में शराब लाना बच्चों की कोई जिम्मेदारी नही उठाना व उनके साथ भी मारपीट लड़ाई करना, प्रार्थिया स्वयं कम्पनी में काम कर अपना व अपने बच्चे का भरन पोषण करती है, तो वह पैसा भी पति द्वारा छीन लिया जाता है। यदि प्रार्थिया मना करती तो मारपीट करने लगते है। दोनों पक्षों को काउंसलिंग के लिए बुलवाया गया दोनों के बीच हो रहे विवाद से बच्चों पर हो रहे असर के बारे में समझाईश दी गई पति को शराब न पीने व बच्चों व प्रार्थिया को प्यार व सम्मान के साथ रखने की समझाईश दी गई। पति डियरा भविष्य में इसकी पूनरावृत्ति नही होगी व शराब भी छोड़ने का आश्वसन दिया गया। कार्यवाही के दौरान महिला आरक्षक संतोषी कटारे वन स्टॉफ केस वर्कर लीला रावत, सरिता चौहान द्वारा केस स्टेडी बनाई गई व देवीसिंह बामनियॉ उपस्थित थे।