सांदीपनि विद्यालय के विद्यार्थियों ने बनाए इकोफ्रेंडली गणेश जी पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए मिट्टी में मिलाए औषधीय पौधों के बीज, मूर्तियों के विसर्जन के बाद हो सकेंगे पौधे विकसित
पर्यावरण को प्लास्टर ऑफ पेरिस एवं केमिकल से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए शासकीय सांदीपनि विद्यालय धार के विद्यार्थियों द्वारा मिट्टी से गणेश जी की मूर्तियां बनाई गई। मिट्टी से गणेश प्रतिमाएँ तैयार करने के लिए विद्यालय में प्राचार्य डॉ स्मृति रत्न मिश्र के मार्गदर्शन में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से मूर्तियों के बनाने में उपयोग किए जाने वाले प्लास्टर ऑफ पेरिस और केमिकल से पर्यावरण को होने वाली हानि से बचाने के लिए मिट्टी की मूर्तियां बनाने की थीम को प्रमुखता दी गई थी। साथ ही मूर्तियों को बनाने के लिए मिट्टी तैयार करते समय उसमें फलदार एवं औषधीय पौधों के बीज भी मिलाए गए जिससे मूर्तियों के विसर्जन के बाद फलदार एवं औषधीय पौधों के बीज पनपकर पौधों का रूप ले सकें। कार्यशाला में कक्षा छठी से लेकर दसवीं तक के बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यशाला में विद्यार्थियों को पांच-पांच के समूहों में बाँटकर विधिवत मूर्ति बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। विद्यार्थियों ने मिट्टी से गणेश जी बनाने की बारीकियाँ समझते हुए सुन्दर मूर्तियाँ बनाई हैं। इन मूर्तियों को अब घरों में स्थापित किया जाएगा। कार्यशाला में शिक्षिका श्रीमती ज्योति उइके एवं श्रीमती प्रीतिबाला सक्सेना ने विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया एवं समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं का सहयोग रहा। कैंपस शालाओं में भी बनाई गई मूर्तियां सांदीपनि विद्यालय की कैंपस शालाओं में भी मिट्टी से गणेश जी की इकोफ्रेंडली मूर्तियां शिक्षकों के द्वारा बनवाई गई। माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 4 में प्रधान पाठक श्रीमती हंसारानी डेविड के मार्गदर्शन में छात्र-छात्राओं ने अनेकों सुंदर मूर्तियां का निर्माण किया। स्टाफ का भी सहयोग रहा।