सी-विजिल निर्वाचनों के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने जैसे, रिश्वतखोरी, मुफ्त उपहार, शराब वितरण, अनुमत्य समय के बाद लाउडस्पीकर बजाने वालों के खिलाफ नागरिकों को रिपोर्ट करने के लिए सशक्त बनाता है। इस साधारण मोबाइल एप का उपयोग करके नागरिक लाइव फोटो या वीडियो कैप्चर करते हैं। निर्वाचन तंत्र उल्लंघन का साक्ष्यिक सबूत मिलते ही तुरंत कार्रवाई करने के लिए तैयार हो जाता है। हर सी-विजिल मामले पर कार्रवाई की जाती है और 100 मिनट की समयावधि के दौरान की गई कार्रवाई के साथ वापिस जवाब भेजा जाता है
सी विजिल
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सीविजिल क्या है
वर्तमान में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें करने और ट्रैक करने के लिए द्रुत सूचना चैनल की कमी है। आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन की रिपोर्ट में देरी के परिणामस्वरूप निर्वाचन आयुक्त के उड़न दस्ते, जिन्हें आदर्श आचार संहिता को लागू करने का कार्य सौंपा गया है, अक्सर अपराधियों का पता नहीं लगा पाते हैं। इसके अलावा, चित्र या वीडियो के रूप में किसी भी प्रलेखित छेड़छाड़ रहित साक्ष्य की कमी घटना घटने के उपरांत शिकायत की सत्यता स्थापित करने में एक बड़ी बाधा थी। आयोग के अनुभव ने यह भी दर्शाया है कि बहुत बड़ी संख्या में झूठी अथवा गलत सूचनाएं दी गई थी, जिसके कारण फील्ड इकाइयों का बहुमूल्य समय व्यर्थ हुआ। इसके अलावा, भौगोलिक स्थान के विवरणों की मदद से घटना की त्वरित और सटीक रूप से पहचान करने के लिए एक मजबूत प्रतिक्रिया प्रणाली नहीं होने से समय से मौके पर पहुंचकर उल्लंघनकर्ताओं को पकड़ने के लिए निर्वाचन अधिकारियों की क्षमता बाधित हुई।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किए गए नए सीविजिल ऐप से इन सभी कमियों को दूर होने और फास्ट-ट्रैक कम्प्लेन रिसेप्शन और निवारण प्रणाली बनने की उम्मीद है। सीविजिल नागरिकों के लिए निर्वाचन के दौरान आदर्श आचार संहिता और व्यय संबंधी उल्लंघनों की रिपोर्ट करने के लिए एक नवोन्मेषी मोबाइल ऐप्लिकेशन है। ‘सीविजिल’ का अर्थ जागरूक नागरिक है और यह स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचनों के संचालन में नागरिकों द्वारा निभाई जा सकने वाली सक्रिय और जिम्मेदार भूमिका पर जोर देती है।
सीविजिल एक उपभोक्ता अनुकूल एंड्रॉइड एप्लिकेशन है जिसे संचालित करना आसान है, जिसका उपयोग उपचुनाव / विधानसभा / संसदीय निर्वाचनों की अधिसूचनाओं की तारीख से उल्लंघनों की रिपोर्टिंग के लिए किया जा सकता है। इस ऐप की विशिष्टता यह है कि यह केवल लाइव फोटो / वीडियो और ऐप के भीतर से ऑटो लोकेशन ही कैप्चर करता है ताकि फ्लाइंग स्क्वॉड को समयबद्ध तरीके से कार्य करने के लिए डिजिटल साक्ष्य मिलना सुनिश्चित हो सके।
इस ऐप को ऐसे किसी भी एंड्रॉइड (जेलीबीन और ऊपर) स्मार्टफोन कैमरा में इन्सटाल किया जा सकता है जिसमें कैमरा, अच्छा इंटरनेट कनेक्शन और जीपीएस एक्सेस हो। इस एप्लिकेशन का उपयोग करके, नागरिक राजनीतिक कदाचार की घटनाओं को देखते ही तत्काल कुछ ही मिनट में इसकी रिपोर्ट कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में भी नहीं जाना पड़ेगा। सीविजिल जागरूक नागरिकों को जिला नियंत्रण कक्ष, रिटर्निंग अधिकारी और फील्ड यूनिट (फ्लाइंग स्क्वॉड) / स्थैतिक निगरानी दलों के साथ जोड़ता है, जिससे एक तीव्र और सटीक रिपोर्टिंग, कार्रवाई और निगरानी प्रणाली का निर्माण होता है।
शिकायत दर्ज करने से पहले आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली गतिविधि की केवल एक तस्वीर या 2 मिनट का वीडियो बनाएं और संक्षिप्त में इसका वर्णन कर दें। शिकायत के साथ कैप्चर की गई जीआईएस जानकारी स्वतः इसे संबंधित जिला नियंत्रण कक्ष को भेज दी जाती है, जिससे फ्लाइंग स्क्वॉड को कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर भेज दिया जाता है। सीविजिल ऑपरेटिंग मॉडल निम्नानुसार कार्य करेगा:
चरण 1- नागरिक एक तस्वीर पर क्लिक करता है या 2 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड करता है। फोटो / वीडियो को भौगोलिक सूचना प्रणाली द्वारा स्वचालित लोकेशन मैपिंग के साथ ऐप पर अपलोड किया जाता है। इसके सफलतापूर्वक सबमिशन के बाद, इसे ट्रैक करने और अपने मोबाइल पर अपडेट प्राप्त करने के लिए नागरिक को एक यूनिक आईडी मिलती है। नागरिक इस तरह से कई घटनाओं की रिपोर्ट कर सकता है और उसे अनुवर्ती अपडेट के लिए प्रत्येक रिपोर्ट के लिए एक विशिष्ट आईडी प्राप्त होगी। ऐप के प्रयोक्ता के पास सीविजिल ऐप के माध्यम से बेनामी रूप से शिकायतें दर्ज करने का विकल्प होता है। उस स्थिति में, सिस्टम को मोबाइल नंबर और अन्य प्रोफ़ाइल संबंधी विवरण नहीं भेजे जाते हैं। हालांकि, बेनामी शिकायतों के मामले में, प्रयोक्ता को आगे की स्थिति के संदेश नहीं मिलेंगे क्योंकि सिस्टम फोन के विवरण को कैप्चर नहीं करेगा। हालांकि, नागरिकों के पास संबंधित रिटर्निंग अधिकारी से व्यक्तिगत रूप से ऐसी शिकायतों पर अनुवर्ती कार्रवाई संबंधी सूचना का विकल्प है।
चरण 2- नागरिक द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद, सूचना जिला नियंत्रण कक्ष में आ जाती है, जहाँ से उसे फील्ड यूनिट को सौंपा जाता है। एक फील्ड यूनिट में उड़न दस्ता, स्थैतिक निगरानी टीम, रिजर्व टीम आदि होते हैं। प्रत्येक फील्ड यूनिट में एक जीआईएस-आधारित मोबाइल एप्लिकेशन होगा, जिसे ‘सीविजिल इंवेस्टीगेटर’ कहा जाता है, जिससे फील्ड यूनिट जीआईएस संकेतों और नेविगेशन तकनीक का अनुसरण करके सीधे लोकेशन पर पहुंचती है और कार्रवाई करती है।
चरण 3- फील्ड यूनिट में शिकायत पर कार्रवाई होने के बाद, उनके द्वारा निर्णय और निपटान के लिए संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को अन्वेषक ऐप के माध्यम से फ़ील्ड रिपोर्ट ऑनलाइन भेजी जाती है। यदि घटना सही पाई जाती है, तो सूचना को भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल पर अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा जाता है और जागरुक नागरिक को 100 मिनट के भीतर स्थिति के बारे में सूचित किया जाता है।
इस ऐप के दुरुपयोग को रोकने के लिए इस ऐप में अंतर्निहित विशेषताएं हैं। कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं नीचे सूचीबद्ध हैं:
सीविजिल ऐप्लीकेशन केवल उन राज्यों की भौगोलिक सीमा के भीतर उपयोग की जा सकेगी, जहां निर्वाचन आयोजित किए जा रहे हैं।
सीविजिल प्रयोक्ता को चित्र या वीडियो क्लिक करने के बाद किसी भी घटना की रिपोर्ट करने के लिए 5 मिनट का समय मिलेगा। ऐप पहले से रिकॉर्ड की गई छवियों / वीडियो को अपलोड नहीं करने देगा, न ही यह प्रयोक्ताओं को सीधे फोन गैलरी में इस ऐप से क्लिक की गई तस्वीरों / वीडियो को सेव करने देगा।
सिस्टम के दुरुपयोग को रोकने और एक ही स्थान से शिकायतों की पुनरावृत्ति से बचने के लिए, सिस्टम एक ही व्यक्ति द्वारा एक के बाद लगातार शिकायतों के बीच 5 मिनट का विलम्ब रखता है।
जिला नियंत्रक के पास फील्ड यूनिट को केस सौंपे जाने से पहले ही डुप्लिकेट, मामूली और अप्रासंगिक मामलों को छोड़ने का विकल्प होता है।
सीविजिल ऐप्लिकेशन का उपयोग केवल आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित मामलों को दर्ज करने के लिए किया जाना चाहिए। यदि सीविजिल ऐप के माध्यम से व्यक्तिगत शिकायतें दर्ज की जाती हैं या सीविजिल शिकायत का डिजिटल अनुलग्नक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से असंबंधित पाया जाता है, तो जिला नियंत्रक किसी भी आगे की कार्रवाई के बिना किसी सीविजिल शिकायत को छोड़ सकता है। इसलिए, नागरिकों को शिकायतों को दर्ज करने के लिए ईसीआई की मुख्य वेबसाइट का उपयोग करने या 1800111950 पर राष्ट्रीय संपर्क केंद्र में या 1950 में राज्य संपर्क केंद्र में कॉल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है