प्रतिरक्षा प्रणाली के तहत लाभ दिलाया
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धार के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश श्री संजीव कुमार अग्रवाल एवं विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव न्यायाधीश श्री उमेश कुमार सोनी के मार्गदर्शन में प्रतिरक्षा प्रणाली (एल.ए.डी.सी.एस) कार्य कर रही हैं। जिसके चीफ श्री सतीष ठाकुर है। श्री ठाकुर ने बताया कि यह प्रमाणी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में ऐसे व्यक्ति जो कि जेल में निरूद्व हैं तथा जिनके पास प्रकरण में विधिवत् पैरवी करने हेतु अधिवक्ता नहीं हैं ,उन्हें उचित न्याय प्रदान किये जाने के लिए निशुल्क अधिवक्ता नियुक्त करवाया जाता हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी के विरूद्व प्रकरण धारा 363, 366-अ, 376, 376 (3) 376 (2) (एन), 376 (क) (घ) भारतीय दण्ड संहिता एवं धारा 3,4,5,6, (पाक्सों एक्ट) के अंतर्गत अपराध पंजीबद्व किया गया था। जिसमें आरोपी लगभग 8 माह से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में था तथा आरोपी के माता-पिता आरोपी की ओर से अधिवक्ता नियुक्त करने में सक्षम नहीं थे। आरोपी को विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से (एल.ए.डी.सी.एस) प्रतिरक्षा प्रमाणी द्वारा 9 जनवरी को उक्त प्रमाली में पदस्थ अधिवक्ता डिप्टीचीफ श्रीमती निती आचार्य द्वारा आरोपी की ओर से जमानत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया तथा न्यायाधीश श्रीमती रेखा चंद्रवंशी द्वारा उचित निर्देशों के साथ जमानत आवेदन पत्र स्वीकार किया जाकर आरोपी को जमानत का लाभ दिया गया। यह प्रमाणी महिलाओं, बालको, तथा जेल में निरूद्व केदियों के लिए निशुल्क प्रकरण में पैरवी करती है तथा वे लोग जो रूपयों के अभाव में अपने लिये अधिवक्ता नियुक्त नहीं कर पाते तथा लंबे समय से जेल में निरूद्व होते है, उन्हें अधिवक्ता नियुक्त करवाती हैं और उन अधिवक्ता द्वारा आरोपियों को न्यायालय के समक्ष उचित बचाव पक्ष रखा जाकर न्याय दिलवाया जाता हैं। विधिक सेवा प्राधिकरण निशुल्क अधिवक्ता प्रदान कर आरोपी का पक्ष सही तथा विधि के तथ्यों के साथ न्यायालय के समक्ष रखा जा सके, जिससे उससे उचितन् याय मिल सके।