खुशियों की दास्तां बायोगैस संयंत्र ने बदली रामगोपाल की किस्मत
बदनावर विकासखंड के ग्राम तिलगारा के कृषक श्री रामगोपाल पिता बाबूलाल पाटीदार बताते है कि वे ग्राम के कृषि विस्तार अधिकारी के संपर्क में आए उनके द्वारा उन्हें बायोगैस संयंत्र लगाने की सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि उनके पास दो गाय तीन भैंस हैं इसके अतिरिक्त खेती करता हूं। शासन की योजना से उनके द्वारा बायोगैस संयंत्र वर्ष 2022 में बनवाया गया, जिसमें मुझे शासन से 14 हजार 350 रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ। उनके यहां पहले परिवार के आठ सदस्यों का खाना गैस सिलेंडर से बनाया जाता था जो की महीने में 1-1.5 सिलेंडर का खर्च 1000-1500 रुपये का खर्च प्रति महीने आता था। जो कि बायोगैस संयंत्र लगाने से 1500 गैस का खर्च बचा एवं गैस सिलेंडर से होने वाले हादसे के डर से भी छुटकारा मिला। उन्होंने बताया की बायोगैस संयंत्र में गोबर डालने के बाद गैस बनती है। गैस बनने के बाद बायोगैस सयंत्र में डाला हुआ गोबर 15 दिन बाद गोबर स्लरी के रूप में बाहर निकलता है जिससे मुझे खेतों में उगने वाले खरपतवारों से निजात मिल गई क्योंकि गोबर में मौजूद घास अन्य के बीच प्रक्रिया हो गए हैं पहले खरपतवार को हटाने के लिए 10 से 15 दिन के लिए मजदूर लगाने पड़ते थे जिससे मजदूरों का खर्च भी खत्म हो गया है स्लरी हम किसानों की जान साबित हुई है। उन्होंने बताया कि बायोगैस संयंत्र की स्लरी से जैविक खेती एवं प्राकृतिक खेती कर रहा हूं एवं परिवार की आवश्यकता अनुसार साग-सब्जी की खेती की करके घर में उपयोग करते हैं। गोबर स्लरी के उपयोग करने से उत्पादित फसल में स्वास्थ्यवर्धक जैविक साग-सब्जियां भी उपलब्ध हो रही है। बायोगैस संयंत्र की सैलरी से करीब 15 बीघा में से चार बीघा में जैविक खेती कर रहा हूं इससे पैदावार में थोड़ी कमी आई है परंतु लगातार खेत जैविक खेती करने से धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ जाएगा । जैविक अनाज का मूल्य बाजार में ज्यादा मिलता है। गेहूं का जहां 2500 से 3000 प्रति कुंटल बिकता है। वहीं जैविक तरीके से उत्पादित गेहूं का मूल्य 3000 से 3500 रुपए प्रति कुंटल बिक जाता है। बायोगैस संयंत्र के कारण मैं धीरे-धीरे जैविक खेती की ओर लौटने लगा हूं पहले मेरा 6 महीने में करीब 50 हजार का डीएपी-यूरिया जैसे उर्वरकों में खर्च हो जाता हो रहा था। जिसका साल में दो फसलों पर करीब 1 लाख रुपये का खर्च सिर्फ उर्वरक का ही था। अब यह खर्चा नहीं के बराबर हो रहा है। इस तरह साल में मुझे करीब 80 हजार से 1 लाख रुपये तक की बचत हो रही है ।