48 घंटे की कालावधि दौरान सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध
भारत निर्वाचन आयोग नई, दिल्ली द्वारा घोषित कार्यक्रम अनुसार धार जिले के लोकसभा आम निर्वाचन-2024 के तहत संसदीय लोकसभा क्षेत्र-25, धार-महु (अ.ज.जा.) में 13 मई 2024 को मतदान प्रक्रिया सम्पादित कराई जाना है। अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी अश्विनी कुमार रावत ने निर्वाचन स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने हेतु मतदान 13 मई 2024 से 48 घण्टे पूर्व संसदीय लोकसभा क्षेत्र-25, धार-महु (अ.ज.जा.) की सीमा क्षेत्र में लोक प्रतिनिधितत्व अधिनियम 1951 (भाग-2 संसद के अधिनियम) पैरा 126 मतदान की समाप्ति के लिये नियत किये गये समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटे की कालावधि दौरान सार्वजनिक सभाओं का प्रतिबंध लगाए जाने का आदेश किया है। जिसमें कोई भी व्यक्ति किसी मतदान क्षेत्र में, उस मतदान क्षेत्र में किसी निर्वाचन के लिये मतदान की समाप्ति के लिये नियत किये गये समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटो की कालावधि के दौरान (क) निर्वाचन के सम्बन्ध में कोई सार्वजनिक सभा/जुलूस न बुलाएंगा न आयोजित करेगा न उसमें उपस्थित होगा न उसमें सम्मिलित होगा न उसे सम्बोधित करेगा (ख) चल चित्र, टेलीविजन या वैसे की अन्य साधित्रों द्वारा जनता के समक्ष किसी निर्वाचन सम्बन्धी बात का संप्रदर्शन नहीं करेगा। (ग) कोई संगीत समारोह या कोई नाट्य अभिनय या कोई अन्य मनोरंजन या आमोद-प्रमोद जनता के सदस्यों को उसके प्रति आकर्षित करने की दृष्टि से, आयोजित करके या उसके आयोजन की व्यवस्था करके, जनता के समक्ष किसी निर्वाचन सम्बन्धी बात का प्रचार नहीं करेगा।
भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली से जारी निर्देशानुसार दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-144 के अधीन मतदान के समापन हेतु नियत समय के साथ समाप्त होने वाली 48 घण्टों की अवधि के दौरान गैर कानूनी सभाओं पर प्रतिबंध और सार्वजनिक बैठकों पर रोक लगाये जाने के सम्बन्ध में आदेश जारी किये जाते है, जो मतदान / निर्वाचन-बद्ध क्षेत्रों के लिये लागू होते है। प्रतिबंधित क्षेत्र में 5 से अधिक लोगों के इकटठा होने / एक साथ आवाजाही करने की अनुमति नही है। लोकसभा के सामान्य निर्वाचन में अभियान के दौरान, राजनीतिक दल उस अभियान को मजबूत करने हेतु अपने समर्थकों को एकजूट करते है, जिसमें मतदान के निर्वाचन क्षेत्र के बाहर से भी सम्मिलित होते है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अभियान अवधि के समापन पश्चात, निर्वाचन क्षेत्र में कोई भी अभियान नही हो सकता है, राजनीतिक कार्यकर्ता / पार्टी कार्यकर्ता / जुलूस कार्यकर्ताओ / अभियान कार्यकर्ताओ की उपस्थिति आदि, जो निर्वाचन क्षेत्र के बाहर से लाये गये है और जो उस निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं है, उन्हें निर्वाचन क्षेत्र में उपस्थित नही रहना चाहिए क्योंकि अभियान समाप्त होने के पश्चात उनकी निंरतर उपस्थिति स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन के माहौल को दुर्बल कर सकती है। अभियान अवधि खत्म हो जाने के पश्चात जिला निर्वाचन प्रशासन / पुलिस प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसे सभी कार्यकर्ता अभियान अवधि समाप्त होने के तुंरत पश्चात निर्वाचन क्षेत्र को छोड़ दे। लोकसभा के सामान्य निर्वाचन के दौरान राजनीतिक दल के उस पदधारी के संबंध जो राज्य का प्रभारी है इस प्रतिबंध पर जोर नही दिया जा सकता है। राजनीतिक दल के इस तरह के पदाधिकारी, राज्य मुख्यालय में रहने की जगह घोषित करेंगा और उक्त अवधि के दौरान उनकी आवाजाही सामान्य रूप से अपने पार्टी कार्यालय और उनके ठहरने के स्थान के बीच सीमित रहेगा। कल्याण मंडपों / सामुदायिक भवनों आदि की जाँच, जहाँ ऐसे लोगों को रखा गया है और यह पता लगाया जाता है कि बाहरी लोगों को इन परिसरो में स्थान दिया गया है या नहीं। लॉज और अतिथिगृहों में रहने वालो की सूची पर नजर रखने के लिये उनका सत्यापन।निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं में जॉच चौकियों का स्थापन करें और निर्वाचन क्षेत्र से बाहर के वाहनो की आवाजाही पर नजर रखे। लोगो/लोगों के समूह की पहचान का सत्यापन, यह पता करने के लिये की वे निर्वाचक है अथवा नहीं एवं उनकी पहचान स्थापित करे। इसे सभी राजनीतिक दलों, अभ्यार्थियो को उनके अभिकर्ताओं, जिला निर्वाचन अधिकारी/ रिटर्निंग अधिकारियो/ सहायक रिटर्निंग अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाएगा ताकि इसका अनुपालन किया जा सके। वह व्यक्ति, जो उपधारा (1) के उपबंधो का उल्लंघन करेगा कारावास से, जिसकी अवधि 2 वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दण्डनीय होगा।
सम्पूर्ण धार जिले की सीमा क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है कि राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों / चुनाव प्रचार में संलग्न कार्यकर्ता, जो उस लोकसभा क्षेत्र के मतदाता नहीं है, उन्हें निर्वाचन समाप्ति के 48 घण्टे पूर्व अर्थात मतदान समाप्ति तक सम्बन्धित लोकसभा क्षेत्र की सीमा छोड़ने का एवं 48 घण्टे पूर्व अर्थात मतदान समाप्ति तक की अवधि के दौरान गैर कानूनी सभाओं पर प्रतिबंध और सार्वजनिक बैठकों पर रोक लगाये जाने के सम्बन्ध में आदेश जारी किया है। यह आदेश 11 मई की शाम 06 बजे से प्रारंभ होकर 13 मई को मतदान समाप्ति तक प्रभावशील रहेगा। उपर्युक्त प्रतिबंध भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली द्वारा अधिकृत, चुनाव कार्य में संलग्न अधिकारियों/कर्मचारियों, विधि एवं व्यवस्था सम्बन्धी ड्यूटी में संलग्न पुलिस अधिकारियों / कर्मचारियों/निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यार्थी / निर्वाचन अभिकर्ता पर लागू नहीं होगा तथा यह प्रतिबंध अन्य किसी नियम/आदेश के प्रतिबंधों के अतिरिक्त होगें। आदेश से व्यथित व्यक्ति दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144(5) के अन्तर्गत अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। अत्यन्त विशेष परिस्थितियों में अधोहस्ताक्षरकर्ता सन्तुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू प्रतिबन्ध से छूट दे सकेगा। यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त प्रतिबन्धात्मक आदेश का उल्लघंन करेगा तो वह भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के तहत सक्षम न्यायालय में अभियोजित किया जावेगा।