*अपने बच्चों के जन्मदिन, पितरों की पुण्यतिथि के दिन एक पौधा अवश्य लगाए- केन्द्रीय राज्यमंत्री श्रीमती ठाकुर* *पर्यावरण को हम सभी को मिल कर बचाना है- कलेक्टर श्री मिश्रा*
जिलेवासी पर्यावरण बचाव को लेकर संकल्प लेवें की अपने बच्चों के जन्मदिन, पितरों की पुण्यतिथि के दिन एक पौधा अवश्य लगाएंगे। साथ ही यहां जमन जत्ती पर आकर अपने परिवार के साथ पौधारोपण करें और उसकी देखभाल कर उसे एक वृक्ष के रूप विकसित करें। जनसंख्या बढ़ती जा रही है और पौधे कम होते जा रहे है। समुचित पर्यावरण को बचाने के लिए अपना योगदान देवें। यह बात केन्द्रीय राज्यमंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती सावित्री ठाकुर ने रविवार को जल गंगा संवर्धन महाअभियान के तहत धार में स्थित जमन जत्ती पहाड़ी पर बनाए गए नगर वन में आयोजित वृहद पौधारोपण कार्यक्रम में कही। उन्होंने यहॉ पर त्रिवेणी का पौधारोपण किया। उन्होंने कहा कि हमें पौधों के महत्व को समझना चाहिए ,वह हमारे जीवन के लिए कितने महत्वपूर्ण है। हमें अपने आने वाली पीढ़ी के लिए पर्यावरण को सहजना होगा, ताकि उन्हें अच्छा वातावरण मिल सके। हमें अपने लगाए गए पौधे की एक बच्चें के तरह देखभाल करना चाहिए। उन्होंने जिलेवासियों ने अपील कि है की अधिक से अधिक पौधारोपण कर स्वच्छ वातावरण के लिए अपनी सहभागिता दें। इस अवसर पर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि पर्यावरण को हम सभी को मिल कर बचाना है। पर्यावरण को बचाने में जो महत्वपूर्ण कार्य है वह पेड़ लगाना है। लोगों को पेड़ लागाने की इच्छा होती है किन्तु जगह के अभाव में वह बडे़ पेड़ नहीं लगा पाते है । हमारे जिले को भी नगर वन मिला है जिसका प्रबंधन वन विभाग करेगा, किन्तु इस कार्य में जनता अधिक से अधिक शामिल नहीं होगी तब तक इसको सफल नहीं किया जा सकता हैं । इसके लिए सघन अभियान चलाकर यहॉ पर जनता की सहभागिता के साथ नगर वन का निर्माण किया जाएगा। जिले के सभी नागरिक अपने परिवार के साथ आकर यहॉ पेड़ लगाए। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष सरदार सिंह मेड़ा, जिला न्यायाधीश उमेश सोनी, डीएफओ अशोक सोलंकी, जिला पंचायत सीईओ सविता झानिया, अधिकारीगण, पत्रकार बंधु, समाज सेवी, गणमान्य नागरिक एवं छात्र-छात्राएं व बड़ी संख्या में आम नागरिक मौजूद थे और सभी ने पौधारोपण किया । *बच्चों ने दिखाई पर्यावरण के प्रति अपनी जागरूकता* पौधारोपण कार्यक्रम मे दौरान कक्षा यूकेजी की कायरा श्रीवास्तव, नर्सरी कक्षा के त्रियांश चौहान, ढाई साल के एकलव्य मूवेल, कक्षा दुसरी की अनिशा जमरा, कक्षा तीसरी के राघव सिसोदिया, कक्षा सातवीं की राधिका मोरी, रिधान चौहान, आद्विक, अयांश ने पौधारोपण कर “पर्यावरण के प्रति हमारी जागरूकता” के लिए संदेश दिया। *संगठनों ने भी पौधारोपण में अपनी सहभागिता दिखाई* इस दौरान प्रेमजी अजीम फाउंडेशन, चतुर्भुज राम मंदिर ट्रस्ट माण्डव, भू माई फाउंडेशन, श्री प्रजना समाज सेवा संगठन, कायस्थ समाज युवा संगठन व अन्य संगठनों ने भी पौधारोपण में अपनी सहभागिता दिखाई। ज्ञात हो कि नगर वन योजना जून, 2020-21 में विश्व पर्यावरण दिवस समारोह के दौरान शुरू की गई थी। 2015 के दौरान लागू की गई नगर वन उद्यान योजना से संशोधत नगर वन योजना के कार्यान्वयन का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में देश भर में नगर वन विकसित करना है। इस योजना को लोगों की भागीदारी पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के साथ संशोधित किया गया है और इसे विभिन्न एजेंसियों द्वारा सहयोगात्मक मोड में कार्यान्वित किया जाना है। इसका उद्देश्य शहरों, कस्बों या उसके आसपास की वन, गैर-वन भूमि को संरक्षण और अतिक्रमण से बचाकर, शहरी क्षेत्रों में वन हरित स्थान बनाना है। शहरी परिदृश्य में सामाजिक और पर्यावरणीय लाभों के लए जैव व वैध वनों का विकास करना। *नगर वन उद्यान हेतु प्रस्तावित भूमि की उपयुक्तता* यह क्षेत्र धार नगर से 4 क.मी. की दूरी पर स्थित है। इसके उत्तर में काल भैरव तालाब, दक्षिण में नटनागरा तालाब एवं शासकीय भूमि से घिरा है। धार जैसे वृहद आबादी के अत्यंत समीप स्थित होकर सुगम, सुरक्षित और शांत परिवेश में स्थित है। धार के शिक्षा क्षेत्र में वद्यार्थियों को एक मात्र नगर वन उद्यान प्राप्त होगा। बच्चों के लिये मनोरंजन पार्क स्थापित होगा जो शहर के लिए नया पर्यटन स्थल रहेगा। शहर के बीचो बीच ऑक्सीजन पार्क से इस वृहद और जैव विवधता भूखण्ड से शहरवासी योग, पर्यटन, भ्रमण आदि का लाभ ले पायेगे। विद्यार्थी एवं प्रकृति प्रेमी, यहा की प्राकृतिक घटा का लाभ प्राप्त कर पाएंगे। धार मालवा क्षेत्र की विभिन्न संकटापन्न वृक्षों, बेलाओं, झाड्यों एवं औषधर्याे का संरक्षण एवं संवर्धन होगा। पक्षी एवं तितली प्रेमियों को अनेको प्रजातियां देखने को मलेगी। इस नगर वन उद्यान के निर्माण में लगभग 22000 मानव दिवस रोजगार सृजित होगा जो सैकड़ों लोगों के लये रोजगार का अवसर होगा। ग्राम वन समिति के माध्यम से नर्सरी में वकसित किये जाने वाले पौधों की बिकी एवं सैलानियों से शुल्क एक अतिरिक्त आमदनी का अवसर उपलब्ध कराएगा। नगर वन उद्यान शहवासियो को पर्यावरण के प्रति शिक्षित करने का सर्वाेत्तम माध्यम बनेगा। पक्षियों को आश्रय दिये जाने वाले वृक्षों जैसें पीपल, गूलर, पाखर, बरगद, शहतूत, चेरी, बकुल इत्यादि का बड़े पैमाने पर रोपण करना एवं इस भाग को पक्षियों के आवास के रूप से वकसित करना। क्षेत्र को शैक्षणिक, पर्यटन, जागृति एवं विज्ञान के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से ईको पर्यटन उपलब्ध करना। स्थानीय जीव जन्तुओं के अनुकूल एवं उनकी संख्या वर्धन करने वाले वकास कार्य करना। नेचर इन्टर प्रटेशन सेंटर स्था पत कर मालवा क्षेत्र से जुडी दुर्लभ वन्य जीवन से अवगत कराना। खेल खेल में शक्षा देते हुए बच्चों को मनोरंजन स्थल उपलब्ध कराना। नक्षत्र गार्डन, सन डाइल, सेल्फी गार्डन, केक्ट्स गार्डन, टेरेस गार्डन, रोज गार्डन जैसे अदभुत प्रयोग करना है। *नगर वन उद्यान योजना जमनजप्ती धार* जिले में भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय के अंतर्गत म्युनिसिपल कारपोरेशन युक्त नगरों में नगर वन उद्यान के निर्माण का प्रस्ताव किया गया है। इसी तारतम्य में धार जिले में वन विभाग द्वारा भूमि उपलब्धता और सुझाए गये मानको के आधार पर जमनजप्ती 56 हेक्टेयर भूखण्ड को नगर वन उद्यान योजना हेतु चयन किया गया है। यह भूखण्ड वानस्पतिक एवं जैव विविधता के लिए विकसित किये जाने हेतु पूर्णतः उपयुक्त है। धार शहर के अत्यन्त निकटस्थ होने के कारण यहाँ नगर वन उद्यान स्थापित करना क्षेत्र की पारस्थितिकीय एवं पर्यावरणीय दशा में वृद्धि करेगा। *जिले का परिचय* धार जिला मध्यप्रदेश के प्राचीनतम स्थलों में से एक है। इसे पुराणों में भी स्थान प्राप्त है। इसे राजा भोज की नगरी भी कहते है। जिले में वन 14.19 प्रतिशत है। औसत वार्षिक वर्षा का भोगौलिक क्षेत्रफल 833.6 मिमी है। जिले में मध्य में राजा भोज के समय का पुराना किला यह आज भी अपनी भव्यता का एहसास दिलाता है। धार नगरी पुरानी दीवार से घिरी हुई है। इसके चार दिशाओं में चार दरवाजे है। धार के मध्य राजवाडा हैं जो किसी समय पुराना निवास हुआ करता था। धार से 35 किमी दूर माण्डव नगर स्थित है। जिसका महत्व मध्य युगीन इतिहास के समय से है। *नगर वन उद्यान भूमि की स्थिति विस्तार एवं वैधानिक स्थिति* नगर वन उद्यान हेतु चयनित स्थल धार शहर के समीपवर्ती कालभैरव तालाब एवं नटनागरा तालाब के मध्य हैं। भूमि एक छोटी पहाड़ीनुमा आकृति है जिसके ऊपर टेबल टॉप आकृति है। जिसका कुल रकबा 56 हे. है, जिसमें 50 हे. में नगर वन उद्यान विकसित किया जाना प्रस्तावित है। भूमि में पथरीली मुरमी मिट्टी है। भूमि की समुद्री तल से औसत ऊँचाई 540 मीटर है। यह भूखण्ड धार नगर से लगभग चार किमी. दूर स्थित है। यह भूखण्ड वन परिक्षेत्र धार के अंतर्गत आता है। इसमें कोई भी मानव आवास व्यक्तिगत अधिकार, लीज या विवाद नहीं है। पहाड़ी के उपरी भाग पर जमनजत्ती बाबा की दरगाह स्थित है, जहां अनुयायियों का दर्शन के लिए आना-जाना होता है। *प्रस्तावित भूखण्ड में नगर वन उद्यान हेतु संसाधन* सम्पूर्ण प्रस्तावित क्षेत्र में लेटेराईट मुरमी मिट्टी उपलब्ध है। टेबल टॉप भाग चट्टानी, मुरमी मृदा युक्त है। प्रस्तावित भूमि के उत्तरी एवं दक्षिणी छोर पर दो तालाब है। साधनों की उपलब्धता के साथ इनका उपयोग सिंचाई के लिए किया जा सकता है। प्रस्तावित भूमि के चारों ओर कच्चा पहुँच मार्ग भी बना है। उचित मरम्मत और विकास के साथ इससे कई उपमार्ग बनाएं जा सकते है। *नगर वन उद्यान योजना के प्रमुख लक्ष्य* इसे नगर वन में पीपल, गूलर, पाखर, बरगद, शहतूत, चेरी, बकुल इत्यादि का बड़े पैमाने पर रोपण करना एवं इस भाग को पक्षियों के आवास के रूप से विकसित करना। सम्पूर्ण उद्यान को जनोपयोगी बनाने के लिये जोगिंग, अल्पकालिक विश्राम आदि के अनुसार सुविधाजनक बनाना। क्षेत्रो को शैक्षणिक, पर्यटन, जागृति एवं विज्ञान के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से ईको पर्यटन उपलब्ध करना। स्थानीय जीव जन्तुओं के अनुकूल एवं उनकी संख्या वृद्धि करने वाले विकास कार्य करना। नेचर इन्टरप्रिटेशन सेंटर स्थापित कर मालवा क्षेत्र से जुडी दुर्लभ वन्य जीवन से अवगत कराना। खेल खेल में शिक्षा देते हुए बच्चों को मनोरंजन स्थल उपलब्ध कराना। नक्षत्र गार्डन, सन डाइल, सेल्फी गार्डन, केक्ट्स गार्डन, टेरेस गार्डन, रोज गार्डन जैसे अदभुत प्रयोग करना। *प्रस्तावित कार्यों का वर्गीकृत एवं सम्पूर्ण विवरण* वृक्षारोपण के लिए मालवांचल क्षेत्र की 100 से अधिक Rare Endangered and Threatened वनस्पतियों का चयन किया गया है। जिसमें पारस पीपल, चिनार, टिकोमा, ग्लैसिरिडिया, रगुन बादाम, जंगली बादाम, मो, कुंभी, खुर्सानी इमली, अकोल,कसई , हल्दु, अर्जुन, बकायन, पाकर, पापड़ा, तिंसा, शमी, खिरनी, गुलमोहर, मौका, अरीठा, पुत्र जीवा, सिंदूर, टिबोबीमा, कनक चंपा, सोनपाडा, कुवारीड, गरुड़, धावड़ा, कदम, गूगल, कबीट, कालाखेर, पीपल, बेलपत्र, महानीम, गधा पलाश, कस्टार, लक्ष्मी तरु, हर्रा, अंजन, करौंदा, पेल्टा फॉर्म , चंपा, कचनार, नील मोहर, अमलताश, सिरसी, कुल्लू, रंग तुर्रा, बड़, विरशु, गोद, तेंदु, गुलर, मोहिनी, बीजाक, सलाई, सीता अशोक, भीलवा, आंवला शामिल है।