शासकीय अधिकारी, कर्मचारी चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहे- कलेक्टर श्री मिश्रा
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंक मिश्रा ने त्रि-स्तरीय पंचायतों के उप निर्वाचन हेतु निर्वाचन कार्यक्रम के घोषित होने के साथ ही जनपद पंचायत धार, नालछा, तिरला, बदनावर, सरदारपुर, मनावर, गंधवानी, धरमपुरी, उमरबन, कुक्षी एवं निसरपुर के संबंधित क्षेत्र में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहना चाहिए। यह आवश्यक है कि वे किसी को यह महसूस न होने दे वे निष्पक्ष नहीं है। जनता को उनकी निष्पक्षता का विश्वास होना चाहिये तथा उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये जिससे ऐसी आशंका भी हो कि वे किसी दल या उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं। संक्षेप में शासकीय कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के चुनाव अभियान या प्रचार में भाग नहीं लेना चाहिये तथा उन्हें यह देखना चाहिये कि उनकी सरकार में हैसियत या अधिकारों का लाभ कोई दल या उम्मीदवार न ले सके। निर्वाचन में किसी अभ्यर्थी के लिये कार्य करना म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियत 1965 के प्रावधानों के विपरित है। लोक प्रतिनिधित्व अनिनियम् 1951 की धारा 129 एवं 134 क की ओर विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया है, जिसके अनुसार निर्वाचन के दौरान अधिकारी, कर्मचारी न तो किसी अभ्यर्थी के लिये कार्य करेंगे और न मत डालने में कोई असर डालेंगे। इसके अतिरिक्त कोई शासकीय सेवक निर्वाचन अभिकर्ता, मतदान अभिकर्ता या गणना अभिकर्ता के रूप में कार्य नहीं कर सकता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 28 क के अधीन निर्वाचन के संचालन के लिये नियोजित समस्त अधिकारी, कर्मचारी तथा राज्य सरकार द्वारा पदाभिहित पुलिस अधिकारी निर्वाचन के परिणाम घोषित होने तक निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति पर समझे जावेगें और उस समय तक निर्वाचन आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन रहेगे। निर्वाचन में संशक्तः पदीय कर्तव्य को सुनियोजित तरीके से जिम्मेदारी पूर्वक करना विधि द्वारा अपेक्षित कर्तव्य है, जिसकी अवहेलना शासकीय सेवक को दण्ड का पात्र बनाती है। आयोग द्वारा जारी की गई आदर्श आचरण संहिता का सभी शासकीय अधिकारी / कर्मचारी इसका पालन सुनिश्चित करें। यह आदर्श आचरण संहिता आयोग द्वारा निर्धारित तिथि को घोषणा दिनांक से 18 सितम्बर तक प्रभावशील रहेगी।