सनातन संस्कृति एवं परम्परा हमारे भारत को मजबूत बनाती है इसे बनाये रखने की शिक्षा नवीन पीढ़ी को देने की आवश्यकता है – पूर्व उपाध्यक्ष श्री उपाध्याय
सनातन संस्कृति एवं परम्परा हमारे भारत को मजबूत बनाती है इसे बनाये रखने की शिक्षा नवीन पीढ़ी को देने की आवश्यकता है। उक्त कथन महर्षि श्री अरविंदजी के जन्म की 152 वी वर्षगॉठ के अवसर पर आयोजित व्याख्यान माला’’ के आयोजन अवसर पर पूर्व उपाध्यक्ष जन अभियान परिषद विभाष उपाध्याय ने स्थानीय ग्रामीण आजीविका भवन, माण्डू रोड, धार में आयोजित कार्यक्रम में कहे।
कार्यक्रम के शुभारंभ में प्रार्थना गीत, एवं प्रेरणा गीतों से किया गया। रेखा व्यास द्वारा महर्षि अरविंद के उत्तरपाडा के भाषण का वाचन किया गया। तत्पश्चात अतिथियों द्वारा महर्षि अरविंद, श्री मॉ एवं भारतमाता पूजन मार्ल्यापण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सर्वप्रथम वक्ता के रूप में सुधीर द्वारा अरविंदजी के जीवन प्रसंग के बारे बताया गया। बताया गया कि अरिवंदजी का जन्म जन्माष्टमी को हुआ था। उनके माता-पिता की इच्छाअनुरूप सभी भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया था । महानतम कवि स्वरूप इनके द्वारा दुर्गा स्त्रोत की रचना कर मॉ शक्ति की उपासन हेतु महत्वपूर्ण कार्य किया है । दार्शनिक, कवि, आध्यात्मिक एवं देश के लिए उनके द्वारा महानतम कार्य हेतु सदा प्रेरणा स्त्रोत रहेगे । कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक श्री सिंह द्वारा अरिवंदजी के विषय को लंकर सनातन धर्म के लिए मार्गदर्शन दिया गया है । उन्होंने कहा कि हमारे समाज को सीखने की शक्ति ईश्वर ने दी यही आध्यात्मिकता है। हम सभी भाग्यशाली है कि हमें ऐसे कार्यक्रम से जुडने का अवसर प्राप्त हुआ है । उन्होने आसपास लोगो के कल्याण का कार्य करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि आत्मा परमात्पा के मिलन से मोक्ष की प्राप्ति होती है । मुख्य वक्ता श्री उपाध्याय द्वारा अपने व्यक्तव्य के द्वारा आज की शिक्षा व्यवस्था, व्यापार व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे भारत वर्ष पितृ पक्ष के रूप में मनाता रहेगा तब तक हमारे भारत पर ऑच नहीं आ सकती । हमारे कोई भी कर्म अपने पूर्वजो को याद करे बिना नहीं करते इसलिए इमारे पूर्वजो को याद करते रहना चाहिए । जो पूर्वजो को याद नही करते वह जल्दि नष्ट हो जाते है । जन अभियान परिषद भी महापुरूषो की जयंती मनाकर उनके कार्याे को याद कर प्रेरणा बन रहा है । उन्होने महर्षि के स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान के बारे में बताया । उन्होंने स्वतंत्रता में बलिदान के बारे में बताया । अपनी बातो एवं प्रसंगो के माध्यम से श्री कृष्ण की गीताज्ञान के विषय में बताया । गायमता में 33 करोड देवता को बताया गया है उसके पूजा हमें करना है । इसके साथ ही उनके द्वारा भगवान राम को पुरूषोत्तम कहने के विषय को समझाया । उनके द्वारा संस्कृति को बॉधने का कार्य किया गया । इनके द्वारा भारत की ज्ञान परम्परा, एवं सांस्कृतिक धरोहर को आज के युवाओं को बचाने का आव्हान करने की आवष्यकता है ।
कार्यक्रम में सचिव श्री अरविन्द सोसायटी सुधीर व्यास, एडव्होकेट निलेष शर्मा, समाजसेवी एवं सदस्य अरविंद सोसायटी अमित शाह, संभाग समन्वयक म.प्र. जन अभियान परिषद इन्दौर, आनंद मोहन पंडया सचिव अरविंद आश्रम उज्जैन एवं जिला समन्वयक नवनीत रत्नाकर मंचासीन रहे। कार्यक्रम के अंत में आभार जिला समन्वयक श्री रत्नाकर ने माना।