सफलता की कहानी योजना बनी आत्मनिर्भरता में सहायक
धार निवासी हेमलता देवड़ा बताती है कि उनके पति का बीमारी के दौरान वर्ष 2019 में देहांत हो गया था, मेरे दो छोटे बच्चे हैं, बड़ा बेटा 13 वर्ष और बेटी 9 वर्ष की है। मेरे पति के देहांत होने के बाद मैं असहाय हो गई थी। मुझे बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बच्चों का पालन पोषण व घर चलाने में बिल्कुल भी समर्थ नहीं थी। कई बार मुझे रिश्तेदारों से उधार लेना पड़ता था वे भी मुझे दस बातें सुनाते थे, मैं उनकी बातों से बहुत दुखी हो जाती थी। फिर मुझे मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की जानकारी मिली। मेरे द्वारा लाड़ली बहना योजना के पोर्टल पर पंजीयन करवाया जिसके बाद से मुझे निरंतर प्रतिमाह योजना का लाभ मिल रहा है और राशि सीधे मेरे खाते में आ रही है जिससे मैं मण्डी से सब्जी लाकर घर-घर जाकर (फेरी लगाकर) सब्जी बेचने का कार्य करती हूं। अब मैं आत्मनिर्भर हो गई हूं और प्रतिदिन सभी खर्च काटने के बाद 300-400 रूपये की कमाई हो जाती है किसी पर भी आश्रित नहीं रहना पड़ता है। वह कहती है कि मैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री जी की आभारी हूं उन्हें धन्यवाद देती हूं। उन्होंने लाड़ली बहना योजना चलाकर मेरे जीवन को प्रगति के रास्ते पर अग्रसर कर दिया। उनका जितना भी धन्यवाद करू कम है।