भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाया
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस महाराजा भोज शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,धार में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. एस. एस. बघेल ने की और विद्यार्थियों को एक दूसरे की आर्थिक परिस्थिति और सामाजिक व धार्मिक परंपराओं का सम्मान करते हुए सहिष्णु बनने का संदेश दिया। नोडल अधिकारी डॉ आर. सी. घावरी ने मार्गदर्शन प्रदान किया और कहा कि भारतीय परंपरायें हमें सहिष्णुता की प्रेरणा देती है। मुख्य वक्ता डॉ आयशा खान विभागाध्यक्ष हिंदी ने भारत में सहिष्णुता विषय पर व्याख्यान दिया। मुख्य वक्ता ने कहा कि विभिन्न विश्व युद्ध असहिष्णुता के ही परिणाम है। विश्व में शांति बनाए रखने के उद्देश्य से ही 16 नवंबर 1995 को यूनेस्को ने अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस घोषित किया। सहिष्णुता, रियायत या कृपालुता नहीं हैं। सहिष्णुता सबसे बढ़कर दूसरों के सार्वभौमिक मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता की मान्यताओं से प्रेरित एक सक्रिय रवैया है। किसी भी परिस्थितियों में मौलिक मूल्यों का उल्लंघन सही नहीं है। शिक्षा सहिष्णुता को बनाए रखने में सहायक है। समाज में सहिष्णुता बनाए रखने संबंधी लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। डॉ एल एस निंगवाल ने वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रो सीमा नागर ने किया और आभार डॉ प्रतीक्षा पाठक ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या मे विद्यार्थी उपस्थित थे। डॉ अनुराधा गुप्ता, डॉ सुनील जाट, डॉ प्रियंका जमरा, प्रो सुदीप बिड़ला सहयोगी रहे।