शीत लहर के प्रभाव से बचने के लिए बरते सावधानी – “स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई एडवाइजरी”
शीत लहर से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। जारी एडवाइजरी में नागरिको से आग्रह किया गया है कि वे सर्दी को देखते हुए विशेष सावधानी बरते। गर्म कपड़े पहने, जैसे फ्लू, सर्दी, खांसी एवं जुकाम आदि के लक्षण हो जाने पर चिकित्सक से संपर्क करें। सर्दी के मौसम में जब ठंडी हवाएं तेजी से चलने लगती है, तापमान में तेजी से गिरावट होने लगती है, तब इस स्थिति को शीत लहर कहते है, आसान शब्दों में कहा जा सकता है कि सर्दी के मौसम में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से लेकर 04-05 डिग्री नीचे चला जाता है तो इसे शीत लहर कहा जाता है। स्थानीय मौसम पूर्वानुमान के लिए रेडियो, टी.वी. एवं समाचार पत्र जैसे सभी मीडिया द्वारा दी जा रही जानकारी का अनुसरण करें। पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहने । नियमित रूप से गर्म पेय पीते रहे। शीत लहर के समय विभिन्न प्रकार की बीमारियों की संभावना अधिक बढ़ जाती है, जैसे फ्लू, सर्दी, खांसी एवं जुकाम आदि के लक्षण हो जाने पर चिकित्सक से संपर्क करें। कम तापमान के लक्षण जैसे सामान्य से कम शरीर का तापमान, न रुकने वाली कपकपी, याददाश्त चले जाना, बेहोशी या मूर्छा की अवस्था का होना, जबान का लड़खडाना आदि प्रकट होने पर चिकित्सक से संपर्क कर उपचार प्राप्त करें। शीत लहर के दौरान सॉवधानियां बरते पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े जैसे दस्ताने, टोपी, मफलर, एवं जूते आदि पहने, शीत लहर के समय चुस्त कपड़े ना पहने यह रक्त संचार को कम करते है, इसलिये हल्के ढीले-ढालें एवं सूती कपड़े बाहर की तरफ एवं ऊनी कपड़े अंदर की तरफ पहने, शीत लहर के समय जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहें और कोशिश करें कि अतिआवश्यक हो, तो ही बाहर यात्रा करें। पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें एवं शरीर की प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं एवं नियमित रूप से गर्म तरह पदार्थ अवश्य पीयें, आवश्यकतानुसार अनुसार रूम हीटर का उपयोग करें एवं रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध करें, शीत लहर में अधिक ठंड के लम्बे समय तक सम्पर्क में रहने से त्वचा कठोर एवं सुन्न कर सकती है।