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अल्पविराम हमारी शिकायतों का समाधान है – सीईओ नालछा संदीप डावर

कलेक्टर प्रियंक मिश्रा एवं   मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अभिषेक चौधरी के संयुक्त मार्गदर्शन शनिवार को सीईओ जनपद पंचायत नालछा संदीप डाबर  के मुख्य आतिथ्य में एक दिवसीय अल्पविराम कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं प्रार्थना गीत के संपन्न हुआ।  जिसमें बताया गया कि असंतोष अनावश्यक संग्रह करने की आदत शोषण दूसरे मनुष्यों प्राणी पशु पक्षी एवं प्रकृति के प्रति सम्मान की कमी कार्य में सफलता स्वार्थिपन संकीर्ण विचार शीलता आदि का दिखाई देना अल्पविराम की हमारे जीवन में अनुपस्थित का द्योतक है । संघर्ष हमारे जीवन का हिस्सा है । सफलता से कम हमें स्वीकार नहीं होता है । जिसने अपने जीवन में शांत समय अल्पविराम लेना अपने जीवन में हर क्षण का हिस्सा बना लिया, वह अधिकारी वह कर्मचारी अपने शासकीय पारिवारिक सामाजिक एवं दैनिक जीवन में आनंदित रहते हुए समस्त कार्यों एवं चुनौतियां का सफलतापूर्वक सामना सकारात्मक के साथ करना सीख जाता है । उसका तनाव कम होता है । कार्य क्षमता में वृद्धि होती है । उसकी सोच में ऐसा बदलाव होता है कि वह स्वयं ही क्षण अपने कार्य के प्रति लापरवाही लालच स्वार्थिपन आदि कार्य को टालने जैसी पूरी आदतों से दूर होकर उसके संपर्क में आने वाले सभी हितग्राहियों के प्रति उनके प्राकृतिक अपेक्षा के स्तर पर खरा उतरने लगता  है । यह भी बताया कि अल्पविराम का अभ्यास धीरे-धीरे हमें, मैं और मेरा से हम और हमारे के भाव की ओर ले जाता है और यही निरंतरता अधिकारी और कर्मचारियों को जनता के बीच सम्मान प्रेम एवं आदर्श का प्रतीक बना देती हैं ।  सतत अल्प विराम की शक्ति सफलता से कम कुछ नहीं देती ।  परिणाम स्वरुप उसके जीवन में आनंद का झरना बहना प्रारंभ हो जाता है तथा उसकी दैनिक जीवन का कार्य बड़ा सरल हो जाता है । उसके जीवन से निराश उदासी चिंता अलसी अवसाद आदि अलविदा करने लगते हैं । वह जहां-जहां कार्य करता है वहां वहां आनंद का वातावरण निर्मित होता रहता है ।  उसकी समझ संबंध एवं सुविधा का सही भाव बढ़ने लगता है तथा वह परिवार व समाज में स्वावलंबी होता जाता है । आवश्यकता से अधिक कार्य क्षमता में वृद्धि होती जाती है । सत्य के प्रारंभ में लेखा-जोखा का सत्र लेते हुए मास्टर ट्रेनर मध्य परिहार ने अल्पविराम लेने की आवश्यकता पर जोर दिया । मास्टर ट्रेनर गणेश कनाडा ने रिश्तों पर चर्चा की एवं स्वयं का स्वयं से रिश्ता परिवार से परी रिश्ता सहकर्मियों से कार्य स्थल पर रिश्ता सहित समाज के हर व्यक्ति से रिश्ते पर उदाहरण एवं शांत समय दिलवा कर चर्चा की । मास्टर ट्रेनर पुष्पेंद्र सिसोदिया ने फ्रीडम ग्लास विधि से के माध्यम से शांत समय लेकर अपने भीतर की कमियों को दूर करने का स्वयं का उदाहरण देकर सभी उपस्थितों को स्वयं के भीतर झांकने की प्रेरणा दी । आपने बताया कि हम जितना अल्पविराम लेंगे उतना उतना मां की गहराई में उतरकर हमारे भीतर बैठे लालच क्रोध घृणा नफरत अहंकार आदि के भाव को समाप्त कर करना सेवा परस्पर प्रेम सम्मान आदि के भाव में उतरते चले जाएंगे । जिला समन्वय जिला समन्वयक आनंद विभाग डॉक्टर दिनेश कश्यप ने सत्र के प्रारंभ में अतिथियों एवं मास्टर ट्रेनर्स का परिचय दिया । आपने प्रतिभागियों को कार्यशाला से जोड़ने हेतु ताली विधि करवा कर सभी को उनके बचपन का नाम उनके अभिरुचि एवं एक शौक पूछ कर गतिविधि कार्रवाई । सत्र के दौरान पवन शर्मा, जगदीश बैरागी, सोनाली साठे, कविता सिसोदिया, पवन शर्मा, मीना स्वामी, कालूराम चौधरी आदमी शेयरिंग की । कार्यशाला में विशेष रूप से बी एम चौरसिया,  राजेश शिंदे, बीआरसी नीति भंवर सहायक इंजीनियर राहुल गायकवाड नया तहसीलदार सभी ब्लॉक नालछा सहित कुल 60 प्रतिभागी महिला पुरुष अधिकारी कर्मचारी ने कार्यशाला में अपनी उपस्थिति दी ।  कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर  कश्यप एवं धीरेंद्र पाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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