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चित्र प्रदर्शनी और नृत्य-नाटिका से दिखाया जायेगा वीरांगना रानी दुर्गावती का जीवन और अवदान प्रेरणा उत्सव का आयोजन 15 जनवरी से

मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से जिले के 6 जनजातीय विकासखंडों में मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक चरित के जीवन आधारित प्रेरणा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उत्सव 15 जनवरी, 2025 से 23 जनवरी, 2025 तक जनजातीय विकासखंडों में एक-एक दिवसीय संयोजित किया जा रहा है। उत्सव में स्वातंत्र्य समर की अप्रतिम गोण्ड नायिका वीरांगना रानी दुर्गावती नृत्य-नाटिका की प्रस्तुति एवं उनके जीवन और अवदान केंद्रित चित्र प्रदर्शनी का संयोजन किया जा रहा है। उत्सव की पटकथा श्री योगेश त्रिपाठी, रीवा द्वारा लिखी गई है। धार जिले के उमरबन, धार, गंधवानी, सरदारपुर, बाग, कुक्षी, डही, निसरपुर, मनावर, धरमपुरी, तिरला जनजातीय विकासखंड में उत्सव का आयोजन किया जाएगा। प्रस्तुति का कथासार – कालिंजर के राजा महाराज कीर्ति सिंह चंदेल की पुत्री दुर्गावती का विवाह गढ़ा के गोण्ड राजवंश के महाराज संग्राम सिंह के पुत्र दलपत शाह से हुआ। दलपत शाह और दुर्गावती दोनों ही अस्त्र-शस्त्र शिक्षा में पारंगत थे, साथ ही दोनों धार्मिक और जनहित के कार्यों में भी रुचि लेते थे। रानी को एक पुत्र पैदा हुआ जिसका नाम वीर नारायण रखा गया। पुत्र अभी छोटा ही था कि दलपत शाह का निधन हो गया। गद्दी पर वीर नारायण को बिठाया गया, लेकिन राजकाज रानी देखती रहीं। मुगल सम्राट अकबर दुर्गावती के सौंदर्य और बहादुरी के चर्चे सुन चुका था और गढ़ा राज्य को अपने अधीन करना चाहता था। इस हेतु उसने रानी को एक सोने का पिंजरा भिजवाया। रानी पिंजरा भेजने का आशय समझ गईं और उन्होंने जवाब में उतने ही वजन का सोने का पिंजरा भिजवाया, जिसे जुलाहे लोग काम में लाते हैं। अकबर पिंजरा देखकर आगबबूला हो गया और उसने अपने सूबेदार आसिफ खां को हमला करने के लिए हुक्म जारी कर दिया। पहले हमले में आसिफ खां ने शिकस्त खाई, लेकिन लगातार दूसरे हमले में रानी बहादुरी के साथ लड़ती हुई वीरगति को प्राप्त हो गईं। चौरागढ़ के किले में उनके किशोर वय के वीर पुत्र वीर नारायण भी लड़ते हुए शहीद हुए। किले के अंदर की सैकड़ों महिलाओं ने जौहर कर लिया। मातृभूमि की रक्षा करने के लिए महारानी दुर्गावती का बलिदान हमारे सामने एक ऐसा आदर्श उदाहरण है, जो हजारों वर्ष तक समस्त भारतवासियों को देश के लिए मर-मिटने की प्रेरणा देता रहेगा। जनजातीय विकासखंड में तिथिवार रूपरेखा – 15 जनवरी, 2025 – उमरबन (धार) 16 जनवरी, 2025 – धार, 17 जनवरी – गंधवानी (धार) 18 जनवरी – मनावर(धार) 19 जनवरी, 2025 – सरदारपुर(धार) 20 जनवरी, 2025 – धरमपुरी (धार) 21 जनवरी, 2025 – बाग (धार) नालछा (धार) 22 जनवरी, 2025 – कुक्षी (धार) डही (धार) 23 जनवरी, 2025 – तिरला(धार) निसरपुर(धार)

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