प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चतुर्थ चरण
महाप्रबंधक म.प्र.ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण पीआईयू धार अनुपम सक्सेना ने बताया कि धार जिले में PMGSY-IV के अंतर्गत जनगणना 2011 की आबादी के अनुसार बारहमासी सड़क से संपर्कविहीन बसाहटों को पुल, पुलियों सहित एकल संपर्कता प्रदान किया जाना है। जिसमे पात्रता इस प्रकार है, इनमें 500+ सामान्य विकासखण्ड में, 250+ आदिवासी विकासखण्ड एवं आकांक्षी विकासखण्ड (तिरला) शामिल है। योजना के अंतर्गत बसाहट अर्थात टोला/गजरा/घानी इत्यादि को यूनिट मान्य किया गया है न कि राजस्व ग्राम अथवा ग्राम पंचायत, संपर्कविहीन बसाहट वह बसाहट मान्य की जायेगी जो कि बारहमासी सड़क अथवा संपर्कता प्राप्त बसाहट के 500 मीटर या अधिक दूरी पर स्थित हो, कच्चे मार्ग जिस पर पर्याप्त पुल-पुलियों का निर्माण न हो ऐसी बसाहट संपर्कविहीन मांन्य होगी। जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार बसाहट की जनसंख्या निर्धारित करने हेतु PMGSY-IV योजना के दिशा-निर्देश के अनुसार बसाहट की जनसंख्या मान्य होगी। संपर्कता विहीन बसाहटों का चिन्हांकन के साथ-साथ जनसंख्या हेतु वांछित प्रमाण पत्र, बसाहट की आबादी, जनगणना वर्ष 2011 का प्रमाणीकरण राज्य सरकार / क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा किया जाना है। बसाहटों की सुविधाएँ पोर्टल पर दर्ज की जाएगी। इसके अंतर्गत मुख्यतः बसाहट की आबादी, संपर्कता की स्थिति, उपलब्ध जनसुविधायें जैसे: पंचायत भवन, स्कूल भवन, स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनवाड़ी इत्यादि विवरण दर्ज किया जाना होगा। जिले के समस्त मार्गो की जानकारी Geo Sadak पोर्टल पर दर्ज की जाना है। इस कार्य में मुख्यतः विकासखण्ड के अंतर्गत विद्यमान सभी मार्गा (NH/SH/MDR/ODR/VR) को दर्शित किया जाना है तथा पोर्टल पर योजना में जोड़ी जाने हेतु प्रस्तावित नई बसाहट के लिये प्रस्तावित एकरेखण को भी Geo Sadak पोर्टल पर दर्शित किया जाना है। पूर्व में तैयार कोरनेटवर्क को अद्यतन किया जाकर सभी संपर्कविहीन पात्र बसाहटों का ग्राम सड़क सर्वे एप से सर्वे किया जाना है। प्राथमिकता सूची (जनसंख्या के घटते क्रम में) तैयार करने के पश्चात माननीय संसद सदस्य (लोक समा/राज्य सभा) एवं माननीय विधायक तथा जिला पंचायत को प्राथमिकता सूची की प्रति अवलोकन एवं योग्य सुझाव हेतु प्रेषित की जायेगी। संसद सदस्य, विधायक, स्थानीय पंचायती राज संस्थान से प्राप्त सुझावों पर विचार कर दिशा-निर्देश के अनुरूप प्राप्त सुझावों को समाहित करते हुये अंतिम की सूची तैयार की जायेगी तथा जिला पंचायत के समक्ष प्रस्तुत किया जाकर जिला पंचायत की साधारण सभा में अंतिम प्राथमिकता सूची का अनुमोदन प्राप्त किया जावेगा। जिला पंचायत के अनुमोदन के पश्चात प्राथमिकता सूची की प्रति मुख्यालय को प्रेषित कर आगामी अनुमोदन की कार्यवाही की जावेगी। उपरोक्तानुसार समस्त कार्यवाही सात दिवस में किये जाने की सीमा निर्धारित की गई है।