*देवीसागर तालाब को अमृतसर के सरोवर जैसा विकसित करें- कलेक्टर प्रियंक मिश्रा* *मांडू के रेवाकुण्ड की धार्मिक महत्ता देखते हुए उसके प्रपार विकास के प्रयास हों*
देवीसागर तालाब को अमृतसर के सरोवर जैसा विकसित करें। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने ये निर्देश नगरीय निकाय के कार्यों के समीक्षा के साथ वेटलेण्ड समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। कलेक्टर कार्यालय के सभागार में आयोजित बैठक में धरमपुरी विधायक कालूसिंह ठाकुर, धार नापध्यक्ष नेहा बोड़ाने, सीईओ अभिषेक चौधरी सहित निकाय के सीएमओ उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि मांडू के रेवाकुण्ड की धार्मिक महत्ता देखते हुए उसके प्रपार विकास के प्रयास हों। मांडू के सेवर ट्रीटमेंट की योजना अगले दस बीस साल के लिए तैयार की जाए। यहाँ नए होटल्स आ रहे हैं। यहाँ के होटल्स मांडू के तलाबो में बिना सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट किए बना वेस्ट वाटर ना डालें,नगर परिषद ये सुनिश्चित करें। ऐसा प्रोजेक्ट ना बनाये जो सीमित अवधि के लिए कारगर रहे। कुक्षी के गायत्री सरोवर के सौंदर्यीकरण की भी प्लानिंग करें। बैठक में बताया गया कि सेलिस कंसलटेंट इंदौर द्वारा अमृत 2 योजनान्तर्गत वाटर बॉडी रिज्यूवेशन में पहले नयापुरा तालाब शामिल किया गया था, किन्तु भूमि आवंटन अर्जन करने में अत्याधिक राशि लगने तथा विद्युत पोल के ट्रांसफर करने एवं अन्य कठिनाईयों के कारण अब नयापुरा तालाब के स्थान पर मुंज सागर तालाब को शामिल करना है तथा वाटर बाडी रिज्यूवेशन का कार्य कराया जाना है। अध्यक्ष नगर पालिका धार द्वारा बताया गया कि नगर में जलप्रदाय का कार्य भी नयापुरा तालाब से किया जाता है तथा नयापुरा तालाब में गंदा पानी भी नहीं आता है, यदि यह योजना नयापुरा तालाब पर ही रखी जाती है तो इससे तालाब का वाटर लेवल भी बढेगा। नयापुरा तालाब की कठिनाईयों के संबंध में कलेक्टर श्री मिश्रा ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिये गये तथा उक्त योजनान्तर्गत प्राथमिकता में नयापुरा तालाब ही रखा जावे। समिति द्वारा सर्वानुमति से मुंज सागर तालाब की कार्य योजना भी अनुमोदित की गई। संबंधित मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका धार, नगर परिषद मांडव एंव कुक्षी उक्त योजनाएं स्वीकृति हेतु नियमानुसार वरिष्ठालय को भिजवाने के निर्देष दिए। बैठक मुख्य नगर पालिका अधिकारी धार को निर्देशित किया गया कि मुंज सागर तालाब में कोई अतिक्रमण न होवे, इसका विशेष ध्यान रखे तथा तालाब में प्लास्टिक इत्यादि न डाले। तालाब के आसपास आर्गेनिक कृषि की जा सकती है। इस संबंध में एनयूएलएम अन्तर्गत स्वसहायता समूह का गठन किया जाकर कार्य किया जा सकता है।
*जिला स्तरीय वेटलैण्ड संरक्षण समिति की बैठक*
कलेक्टर प्रियंक मिश्रा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय वेटलैण्ड संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में वेटलैण्ड के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। समीक्षा अन्तर्गत कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग द्वारा यह बताया गया कि पूर्व में एप्को के माध्यम से कुल 731 तालाबो की सूची प्राप्त हुई थी जिसमें से कुल 727 तालाबो का सत्यापन किया जा चुका है एवं तीन तालाबो की लोकेशन पर कृषि भूमि पाई गई है। सूची में एक तालाब की प्रविष्टि डबल अंकित है। वेटलैण्ड के संबंध में जिला कार्यालय द्वारा उन्हें समस्त कार्यवाही के लिए जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा इस संबंध में वे 28 जनवरी को भोपाल में एप्को द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में उपस्थित हुए है। प्रशिक्षण कार्यशाला में नगर पालिका धार से सहायक यंत्री भी सम्मिलित होकर उनके द्वारा भी प्रशिक्षण प्राप्त किया गया है। प्रशिक्षण में यह निर्देश दिये गये है कि तालाबो के सत्यापन के संबंध में भोपाल से अतिशीघ्र एक एप प्राप्त होगा जिसके माध्यम से मौके पर जाकर तालाब की जानकारी फोटो सहित पोर्टल पर अपलोड किये जाने की कार्यवाही की जाना है। उक्त कार्यवाही पूर्ण करने हेतु दलो का गठन किया जावेगा जिसमें संबंधित ग्राम पंचायत का सचिव, राजस्व निरीक्षक, पटवारी एवं अन्य कर्मचारी सम्मिलित रहेगे। संबंधित वरिष्ठालय से अब 704 तालाबो की सूची प्राप्त हुई है।
कलेक्टर मिश्रा ने यह निर्देश भी दिये गये कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार वेटलैण्ड की सर्व प्रथम ग्राउन्ड टूथिन का कार्य करना है इस कार्य को प्रारम्भ करने से पूर्व जिले के समस्त विभाग जिनके पास तालाब है जैसे-कृषि विभाग, मत्स्य विभाग, एनवीडीए जल संसाधन विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जनपद पंचायत, नगरीय निकाय इत्यादि समस्त विभागो से तालाबो की जानकारी, सूची प्राप्त कर, कार्यवाही की जावे। साथ ही जो मास्टर प्लान बनाये जा रहे है, उसमें वेटलैण्ड का डेटा भी अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जावे। सभी तालाबो के चिन्हाकंन करने संबंधी कार्यवाही में यह भी अनिवार्य रूप से देखा जावे की खसरे में क्या प्रविष्टियां अंकित है। म.प्र. भूमि विकास नियम के प्रावधानो के अनुसार नगरीय शहरी क्षेत्र में तीस मीटर तथा ग्रामीण क्षेत्र में पन्द्रह मीटर स्थान छोडे जाना चाहिए लेंड रिकार्ड में केम्पीयन अनुसार विवरण दर्ज होना चाहिए, मुनारे भी लगाये जाना है। तालाबो के सत्यापन की कार्यवाही हेतु आगामी 4 फरवरी को जिला नोडल अधिकारी कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग संभाग धार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत , एवं जिला भू-बदोबस्त अधिकारी से व्यक्तिगत सम्पर्क एवं समन्वय स्थापित कर, पटवारी, राजस्व निरीक्षक एवं पंचायत सचिव तथा अन्य कर्मचारियो का प्रशिक्षण आयोजित कर, उन्हें इस संबंध में पूर्ण प्रशिक्षण देवे। प्रशिक्षण उपरांत म.प्र. शासन पर्यावरण विभाग मंत्रालय द्वारा दिये गये दिशा निर्देश एवं निर्धारित समयावधि में समस्त आवश्यक कार्यवाही पूर्ण की जाना सुनिश्चित करे। बैठक में बताया गया कि शासन से प्राप्त एप के आधार पर डिमारकेशन प्रारम्भ किया जाना है। जिले की समस्त नगरीय निकाय एवं ग्रामीण क्षेत्र में स्थित तालाबो में कोई भी गंदगी नहीं हो तथा पॉलिथिन इत्यादि नहीं डाले इसके लिए समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा पंचायत विभाग के अधिकारी नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करे। देवी सागर तालाब में किसी भी प्रकार की कोई गंदगी नहीं होवे एवं पॉलिथिन नहीं डाले तथा तालाब को स्वच्छ रखने के संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी धार एवं गायत्री सरोवर के संबंध में मुख्य उसी तकनीक से अन्य निकाय भी कार्य कर सकते है। नगर पालिका अधिकार कुक्षी आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करे। रेवाकुण्ड मांडव में जिस तकनीक से गाद निकाली गई है
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अभिषेक चौधरी ने यह निर्देशित किया कि पूर्व सूची में उल्लेखित 731 तालाब एवं अब वर्तमान में प्राप्त 704 तालाबो की सूची का कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन विभाग धार दोनो सूचियो का परीक्षण कर मिलान कर लेवे।
बैठक में अनुविभागीय अधिकारी वन विभाग, जिला भू-बदोबस्त अधिकारी, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग व जल संसाधन विभाग, प्रतिनिधि नगर तथा ग्राम निवेश, सहित अन्य जिला अधिकारी व समस्त नगरीय निकायो के मुख्य नगर पालिका अधिकारी उपस्थित हुए।