जिले की 116 ग्राम पंचायतों को सुपोषित ग्राम पंचायत बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले का ओरिएंटेशन प्रशिक्षण संपन्न
कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के मार्गदर्शन में सुपोषित ग्राम पंचायतों में सेवाओं तथा उनकी गुणवत्ता में सुधार हेतु जिले में 116 पंचायतों को सुपोषित ग्राम पंचायत बनाने के लिए प्रथम चरण का प्रशिक्षण विकासखंड तिरला एवं धार की चयनित ग्राम पंचायतों की महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सुपरवाइजर का एक दिवसीय ओरिएंटेशन प्रशिक्षण गुरुवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में सम्पन्न हुआ । जिले के अन्य विकासखण्डो में भी निर्धारित कैलेण्डर अनुसार दिये जायेंगे । प्रशिक्षण जिला कार्यक्रम अधिकारी सुभाष जैन द्वारा दिया गया । सुपोषित ग्राम पंचायत का प्रमुख उद्देश्य बच्चों, गर्भवती, धात्री, किशोरी बालिकाओं के पोषण स्तर में सुधार करना, सामुदायिक स्वा मित्व को बढ़ाना, जिले में 116 पंचायतों को सुपोषित ग्राम पंचायत हेतु चयन किया जाना है । भारत सरकार के दल द्वारा चार घटकों मातृ एवं शिशु देखभाल, सेवाओं में संतुष्टि, आंगनवाड़ी केन्द्रों का बुनियादी ढांचा तथा आहार विविधता संबंधी किये जा रहे कार्यों का सत्यापन किया जायेगा । उक्त सत्याापन के पश्चात् तमिलनाडु के दल द्वारा अंक प्रदाय किये जायेंगे । सुपोषित ग्राम पंचायत के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्ते करना अनिवार्य रहेगा। तमिलनाडु के दल द्वारा 21 दिन से अधिक केन्द्र खुलने, हितग्राहियों के शतप्रतिशत पंजीयन तथा शतप्रतिशत बच्चों का वजन मापन तथा आंगनवाड़ी में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति का सत्यापन किया जायेगा । श्री जैन ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सम्पूर्ण भारत में 900 पंचायतों को एवं 100 शहरी वार्डों को सुपोषित ग्राम पंचायत योजना अन्तर्गत चयन किया जायेगा । सुपोषित ग्राम पंचायत का चयन होने पर ग्राम की सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 हजार रूपये की राशि, सभी सहायिकाओं को 3 हजार रूपये प्रदान किये जायेंगे। लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए की जाने वाली गतिविधियों के लिए 40 हजार की राशि व्यय हेतु प्रदान की जायेगी तथा शेष राशि ग्राम पंचायतों के खाते में आंगनवाड़ी को आदर्श बनाने के लिए प्रदान की जायेगी । इस प्रकार सुपोषित ग्राम पंचायत में चयन होने पर कुल 3.80 लाख रूपये प्रदान किये जायेंगे।