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प्रियंक सर की क्लास में बच्चों ने ठहाकों के बीच जाने करियर निर्माण और जीवन में सफलता के मंत्र “स्कूल चले हम” अभियान के तहत ‘भविष्य से भेंट’ कार्यक्रम में सीएम राइज स्कूल पहुंचे कलेक्टर प्रियंक मिश्रा

धार के सीएम राइज स्कूल में “स्कूल चले हम” अभियान के तहत ‘भविष्य से भेंट’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने छात्रों से संवाद किया और अपने जीवन के अनुभवों से प्रेरक बातें साझा की।इस दरमियान बच्चों ने कलेक्टर से फ़िल्मों और खेलों की चर्चा के साथ ठहाकों के बीच करियर निर्माण और सफलता के मंत्र जाने। बच्चों से प्रेरक संवाद और अनुभव साझा किए कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए संघर्ष, मेहनत और अनुशासन जरूरी हैं। उन्होंने अपने बचपन और स्कूली दिनों के अनुभवों को साझा कर बच्चों को प्रेरित किया। बचपन के अनुभवों से मिली सीख तीसरी कक्षा का अनुभव-असेंबली में सामूहिक राष्ट्रगान गाने के दौरान उन्हें गान याद नहीं था, जिससे गलती हुई और फिर टीचर ने उन्हें अकेले ही सबके सामने राष्ट्रगान गाने को कहा। उन्होंने बताया कि उस समय की डांट आज भी याद है, क्योंकि जीवन में हमें सार्वजनिक रूप से किए गए कार्यों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। छठी कक्षा का अनुभव-उन्हें स्कूल असेंबली का संचालन करने के लिए खड़ा किया गया था। उन्होंने भाषण पेपर देखकर पढ़ा, लेकिन प्राचार्य ने उन्हें याद करके बोलने के लिए प्रेरित किया। उस दिन उन्होंने लक्ष्य बनाया कि भविष्य में बिना पेपर देखे आत्मविश्वास के साथ बोलेंगे। पब्लिक स्पीकिंग का महत्व-उन्होंने बताया कि बचपन में वे बहुत बातूनी थे, लेकिन मंच पर आते ही घबराहट महसूस होती थी। बाद में उन्होंने सीखा कि जब हम सामने बैठे लोगों को अपने से कम जानकार समझते हैं, तो आत्मविश्वास बढ़ जाता है। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि पब्लिक स्पीकिंग एक जरूरी स्किल है, जिसे बचपन से ही सीखना चाहिए। टीचर्स की भूमिका कलेक्टर ने कहा कि शिक्षक सदैव छात्रों का भला सोचते हैं। कई बार जब वे बच्चों को डांटते हैं, तो उसका उद्देश्य उन्हें सुधारना और उत्कृष्टता की ओर ले जाना होता है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे केवल उन्हीं बच्चों को मंच पर आगे न बढ़ाएं जो पहले से ही अच्छे वक्ता हैं, बल्कि हर छात्र को अवसर दें। प्रेरणादायक उदाहरण कलेक्टर ने स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने कम उम्र में पर्यावरण बचाने के लिए अभियान चलाया और नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित हुईं। इससे सीख मिलती है कि छोटी उम्र में भी बड़े काम किए जा सकते हैं।उन्होंने बच्चों से कहा कि अच्छा इंसान बनने की कोशिश करें, सफलता अपने आप मिलेगी। करियर और सफलता के लिए महत्वपूर्ण टिप्स अपनी रुचि को पहचानें दृ करियर का चुनाव अपनी रुचि और क्षमताओं के आधार पर करें, न कि समाज या परिवार के दबाव में। लक्ष्य निर्धारित करें दृ छोटे और बड़े लक्ष्य तय करें और उनके अनुसार योजना बनाएं।निरंतर सीखते रहें दृ सफलता के लिए नई चीजें सीखना जरूरी है। समय प्रबंधन करें दृ पढ़ाई के घंटे नहीं, बल्कि उसकी गुणवत्ता मायने रखती है। हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क दृ मेहनत के साथ-साथ सही रणनीति भी अपनाएं।नेटवर्किंग और सवाल पूछने की आदत डालें दृ प्रश्न पूछने से ज्ञान बढ़ता है, इसमें झिझक नहीं होनी चाहिए। अपनी भाषा पर गर्व करें दृ मातृभाषा में कमजोर महसूस न करें, लेकिन अंग्रेजी का भी ज्ञान लें। कम से कम एक भाषा पर मजबूत पकड़ होनी चाहिए। खेल-कूद का महत्व समझें दृ पढ़ाई के साथ खेल भी जरूरी है, इससे दिमाग और शरीर दोनों स्वस्थ रहते हैं।सकारात्मक सोच रखें दृ कठिन समय व्यक्ति को मजबूत बनाता है, इसलिए चुनौतियों से घबराने के बजाय उनसे सीखें। जो चाहोगे, वही बनोगे दृ मेहनत करना जारी रखें कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने अपनी कलेक्टर बनने की यात्रा साझा की और बताया कि कठिनाइयों से घबराने के बजाय उनसे सीखना चाहिए। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि सफलता मेहनत, ईमानदारी और सही दिशा में प्रयास करने से ही मिलती है। कार्यक्रम के अंत में कलेक्टर ने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं और उन्हें प्रेरित किया कि वे अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें। सीएम राइज स्कूल ने 100ः रिजल्ट हासिल किया है, जिसमें 450 छात्र (केजी से कक्षा 10 तक) शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। कलेक्टर ने विद्यालय की इस उपलब्धि की सराहना की और कहा कि यह शिक्षकों और छात्रों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। उन्होंने बच्चों को पाठ्य पुस्तकें प्रदान की। यहाँ की छात्रा एंजिल डोडिया ने कलेक्टर प्रियंक मिश्रा को उनका स्केच भेंट किया, जिस पर उन्होंने उसकी प्रतिभा की सराहना करते हुए उसे प्रोत्साहित किया।

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