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जल संरक्षण की नई पहल – सरदारपुर में माही नदी सहित पुराने जलस्रोतों का होगा पुनरुद्धार, जनसहयोग से बदलेगी तस्वीर

जल संरक्षण संकट की बढ़ती आशंका के बीच सरदारपुर नगर में एक सकारात्मक और प्रेरणादायी पहल की शुरुआत हुई है। “जल गंगा संवर्धन अभियान” के अंतर्गत नगर के पुराने, उपेक्षित और लगभग विलुप्त हो चुके जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने का बीड़ा प्रशासन और जनसहयोग से उठाया गया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य न केवल पवित्र माही नदी का गहरीकरण करना है, बल्कि नगर में स्थित पुराने कुएं और बावड़ियों को भी फिर से उपयोगी बनाना है। माही तट से हुआ अभियान का शुभारंभ कलेक्टर प्रियंक मिश्र के मार्गदर्शन में माही नदी के तट पर इस अभियान का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर एसडीएम आशा परमार, तहसीलदार मुकेश बामनिया, नगर परिषद अध्यक्ष मीनाक्षी ग्रेवाल, महाविद्यालय जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष धर्मेंद्र मंडलोई, बीडीओ लाभु चारण, प्रकाश पंवार, पीएचई विभाग के एसडीओ एनएस भूरिया, नगर परिषद सीएमओ यशवंत शुक्ला, प्रभारी सीएमओ आकाश भारद्वाज, राजगढ़ नप सीएमओ आरती ग्रेवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और नगरवासी उपस्थित रहे। सभी ने चिलचिलाती धूप में एक घंटे तक श्रमदान करते हुए घाट क्षेत्र की सफाई में भाग लिया। तीन महीने तक चलेगा विशेष अभियान यह अभियान 30 मार्च से प्रारंभ होकर 30 जून तक जारी रहेगा। इसके अंतर्गत पवित्र माही नदी के साथ-साथ नगर के पुराने जलस्रोतों का पुनरुद्धार किया जाएगा। एसडीएम आशा परमार ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि माही नदी की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है, और उसका गहरीकरण कार्य जनसहयोग से निरंतर किया जा रहा है। उसी प्रकार नगर में वर्षों पुराने कुएं और बावड़ियों को भी पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जाएगा। ऐतिहासिक जलस्रोतों का किया गया निरीक्षण एसडीएम ने नप अध्यक्ष, सीएमओ व अन्य अधिकारियों के साथ नगर के विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया और ऐसे जलस्रोतों की पहचान की जो वर्षों से उपेक्षित हैं। इनमें माही नदी तट पर धर्मशाला के पास स्थित ऐतिहासिक कुआं, शनिदेव मंदिर के पीछे आम के बगीचे में स्थित तीन पुराने कुएं, तालकटोरा मैदान का ब्रिटिश कालीन कुआं और सरदारपुर-भोपावर मार्ग पर माही नदी के समीप स्थित प्राचीन बावड़ी शामिल हैं। ये सभी जलस्रोत मिट्टी, कचरे और झाड़ियों से पटे हुए हैं और अब इन्हें पूर्ण रूप से जीवित करने का संकल्प लिया गया है। सफाई कार्य की हुई शुरुआत एसडीएम ने धर्मशाला के पास स्थित कुएं की सफाई कार्य मौके पर उपस्थित रहकर शुरू करवाया। इसके साथ ही अन्य जलस्रोतों की सफाई और पुनरुद्धार का कार्य भी जनसहयोग से प्रारंभ हो गया है। इस अभियान के अंतर्गत न केवल जलस्रोतों की सफाई की जाएगी, बल्कि इन स्थानों को संरक्षित करने के लिए जनजागरूकता भी बढ़ाई जाएगी। जल संरक्षण की शपथ के साथ जनजागरण का संदेश इस अवसर पर नप ब्रांड एंबेसेडर डॉ. शीरीन कुरेशी और शिक्षक राजेन्द्र ग्रेवाल ने भी जल संरक्षण पर अपने विचार साझा किए और नगरवासियों को प्रेरित किया। उपस्थितजनों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई ताकि यह प्रयास केवल एक कार्यक्रम तक सीमित न रहकर जन आंदोलन बन सके। जनभागीदारी से बनेगा यह अभियान मिसाल एसडीएम आशा परमार ने कहा कि यह कार्य केवल प्रशासन का नहीं बल्कि पूरे समाज का है। यदि हम सब मिलकर प्रयास करें, तो माही नदी और नगर के अन्य जलस्रोत फिर से जीवनदायिनी बन सकते हैं। यह अभियान आने वाले समय में न केवल सरदारपुर बल्कि पूरे जिले के लिए एक उदाहरण बन सकता है। प्रशासन की दृढ़ता और जनभागीदारी से नगर की जल धरोहरें पुनर्जीवित होंगी और भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य धरोहर के रूप में संरक्षित रहेंगी।

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