‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ 15 जून 2025 से 30 जून तक उद्देश्य- अंतिम हितग्राहियों तक उनके व्यक्तिगत अधिकारों को परिपूर्ण करना और जागरूकता पैदा करना
धार, 12 जून 2025/ भारत सरकार आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए दो महत्वपूर्ण और समयबद्ध मिशन चला रही है। प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय -महा अभियान (पीएम जनमन) और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान। इन पहलों का उद्देश्य देशभर के आदिवासी क्षेत्रों में सेवाओं और अन्य बुनियादी ढांचे को परिपूर्णता प्रदान करना है। इस संबंध में जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा 15 जून से 30 जून 2025 तक ‘धरती आबा अभियान – जागरूकता और लाभ संतृप्ति शिविर’ नामक अभियान शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य अंतिम हितग्राहियों तक उनके व्यक्तिगत अधिकारों को परिपूर्ण करना और DAJGUA के बारे मे जागरूकता पैदा करना है। इस संबंध में इन्दौर संभागायुक्त श्री दीपक सिंह ने बताया कि पारंपरिक आईसी अभियानों के विपरीत यह अभियान ग्राम स्तर, क्लस्टर स्तर में शिविरों के माध्यम से अधिकारों की जमीनी स्तर पर पहुंच सुनिश्चित करेगा, जिसमें विभिन्न कार्य संपादित किये जाएँगे। आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुषमान भारत कार्ड, जाति प्रमाणपत्र, मूल निवासी प्रमाणपत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, पी.एम. किसान, जनधन खाता, बीमा कवरेज, सामाजिक सुरक्षा (वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन), रोजगार और आजीविका योजनाएं (एम.जी.एन.आर.ई.जी.एस., पी.एम. विश्वकर्मा, मुद्रा ऋण), महिला एंव बाल कल्याण (पी.एम.एम.वी. वाई, आई.सी.डी.एस. लाभ, टीकाकरण) आदि। यह अभियान स्थानीय प्रशासन और विभागीय अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी से संचालित होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उक्त समस्त योजनाओं का लाभ समस्त पात्र आदिवासी हितग्राहियो को मिल पाए। विकास विभाग के अधिकारियों के सहयोग से जमीनी स्तर पर अभियान की पूर्ण सफलता सुनिश्चित करें। अभियान अवधि के दौरान जिलों द्वारा विभिन्न गतिविधियां की जाना सुनिश्चित करें आदिवासी गांवों में निवासरत वंचित जनजातीय हितग्राहियों की पहचान कर उन्हें चिन्हांकित कर लाभ दिलाने का प्रयास करना, 15 से 30 जून तक ग्राम स्तर, क्लस्टर स्तर पर जनजातीय परिवारों को लाभ प्राप्त हो, इस हेतु शिविर आयोजित करना, स्वास्थ्य, खाद्य, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय, कृषि और राजस्व महिला एवं बाल विकास आदि विभागों के साथ तालमेल सुनिश्चित करना, आधार, ई-केवाईसी और दस्तावेजीकरण संबंधी सेवाओं के लिए सी.एस.सी. को शामिल करने, परंपरागत विधियों द्वारा जनजातीय समुदायों में प्रशासन की पहुंच स्थापित करने हेतु सार्वजनिक स्थलों पर दीवारों पर पेंटिंग द्वारा अभियान के बारे में जनजागृति लाने लोक एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ (नुक्कड़ नाटक, जनजातीय नृत्य-नाटक) शामिल है। लाऊडस्पीकर के द्वारा गांवों में उद्घोषणा हेतु जनजातीय भाषा-बोली में ऑडियो मैसेज और जिंगल के माध्यम से प्रचार-प्रसार करना, अभियान की गतिविधियों की मॉनिटरिंग हेतु एक सेल गठित किया जाये।