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निराश्रित अवस्था में मिली नवजात बालिका को इच्छुक अभिभावक गोद ले सकते हैं

 जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री सुभाष जैन ने बताया कि धरमपुरी तहसील अन्तर्गत गत दिवस रात्री में एक नवजात बालिका लावारिस  अवस्था में पाई गई थी। स्थानीय प्रशासन को सुचना प्राप्त होते ही तत्परता से बच्ची को बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee Dist. Dhar) की देखरेख में सुरक्षित रूप से चिकित्सालय में भर्ती करया गया है। इस घटना के प्रकाश में आते ही अनेक व्यक्तियों ने भावनात्मक रूप से बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई है। इस मानवीय भावना का सम्मान करते हुए यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि भारत में किसी भी परित्यक्त या लावारिस पाए गए बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी तरह से कानूनी व्यवस्था किशोर न्याय (बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 व नियम 2016 के अनुसार एवं केन्द्रीय दत्तक ग्रहण अभिकरण (CARA) की गाइडलाइंस के तहत् ही_संपन्न होती है।।
       अधिनियम के अनुसार जब कोई बच्चा परित्यक्त अवस्था में मिलता है, तो बाल कल्याण समिति द्वारा उसके जैविक माता-पिता या अभिभावकों की खोज के लिए पुलिस अधीक्षक को प्रतिवेदन भेजा जाता है एवं समाचार-पत्रो, पुलिस थानों, और स्थानीय माध्यमों से जानकारी प्रसारित की जाती है। यदि 60 दिनों की अवधि समाप्ति होने के बाद भी बच्चे के माता-पिता या कोई वैध अभिभावक सामने नहीं आता, तब बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चे को विधि मुक्त घोषित किया जाता है। उपरांत ही बच्चे को दत्तक देने की प्रक्रिया आरंभ की जा सकती है ।
       महत्वपूर्ण – सभी इच्छुक व्यक्ति या दंपती जो बच्चा गोद लेना चाहते है, उनसे अनुरोध है कि वे CARA की आधिकारिक वेबसाइट www.cara.nic-in पर जाकर स्वयं को पंजीबद्ध करें और शिशुगृह का चयन करे जहाँ से बच्चा गोद लेना चाहते है। पंजीयन पश्चात वैधानिक प्रक्रियांए पूर्ण होने पर प्रतिक्षासूचि में नाम सम्मिलित किया जायेगा । जब आपका नाम प्रतिक्षा सूचि में आयेगा तब आपको, विधि की प्रक्रिया अनुसार बच्चा दत्तक लेने की प्रक्रिया शुरू होगी ।
      पंजीयन की प्रक्रिया ऑनलाइन, पारदर्शी व वैधानिक होती है। किसी भी निराश्रित अनाथ बच्चे को बालगृह / शिशुगृह, अस्पताल व पुलिस द्वारा भी गोद नही दिया जा सकता। संपर्क, एजेंट/दलाल या व्यक्तिगत प्रयास के माध्यम से विविध प्रक्रिया के अन्यथा बच्चा को गोद लेना या देना दंडनीय अपराध है। ऐसा करने पर संबधित व्यक्ति को 03 वर्ष का कारावास व 01 लॉख रूपये जुर्माना की या दोनो सजाएँ साथ हो सकती है।
     वर्तमान में धरमपुरी से प्राप्त बच्ची बाल कल्याण समिति की देखरेख में है और उसके विषय में कोई भी | निर्णय पूरी वैधानिक प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद ही लिया जाएगा। दत्तकग्रहण के संबंध में अधिक जानकारी व सहायता के लिए कार्यालयीन दिवस व समय में कार्यालय जिला बाल संरक्षण । – इकाई, मातेश्वरी काम्प्लेक्स, एक्सीस बैंक के उपर धार पर संपर्क कर सकते है।

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