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लोकमाता अहिल्बाई के जीवन, अवदान और वैभव का गान नाट्य प्रस्तुति का मंचन 11 अगस्त को

मालवा की महान वीरांगना और जनसेवा की प्रतीक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती समारोह की श्रृंखला में 11 अगस्त की शाम धार एक अद्वितीय सांस्कृतिक अनुभव का साक्षी बनेगा। महाराजा भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय स्थित विक्रम सभागार में “लोकमाता अहिल्याबाई – जीवन, अवदान और वैभव का गान” नाट्य शाम 6:30 से प्रस्तुति मंचित होगी। मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन धार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह प्रस्तुति, वरिष्ठ लेखिका रंजना चितले की रचना, परिकल्पना और निर्देशन में जीवंत रूप लेगी। नाटक में रचनात्मक सहयोग तानाजी राव ने दिया। लगभग 90 मिनट की इस नाट्य यात्रा में 40 कलाकारों का समूह अहिल्याबाई के जीवन वृतांत, उनके शौर्य, पराक्रम, अटूट संकल्प और समाज निर्माण के आदर्शों का सजीव चित्रण मंच पर प्रस्तुत करेगा। इस प्रस्तुति में पहली बार महाराष्ट्र की प्राचीन वीर-गायन शैली पोआड़ा को सम्मिलित किया जा रहा है, जो लोकमाता के शौर्यगाथा को सुरों और ताल में पिरोकर दर्शकों तक पहुंचाएगी। नाट्य प्रस्तुति में अहिल्याबाई के राज्यकाल में स्थापित आदर्श शासन, धर्म, कला और संस्कृति के संरक्षण की परंपरा तथा प्रजा के प्रति उनके मातृत्व स्नेह को नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से प्रस्तुत किया जायेगा। नाट्य प्रस्तुति शाम 6.30 बजे शुरू होगी।

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