श्रीमद्भगवद्गीता के अध्ययन से जीवन के हर क्षेत्र में प्रबंधन की जानकारी मिलती है -डा. पीएन मिश्रा -मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अंतर्गत नृत्य-नाटिका व चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन भी हुआ
मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अंतर्गत गीता जयंती महोत्सव का आयोजन भव्य रूप में धार के पीजी कालेज सभागार में किया गया। कार्यक्रम के अतिथि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. पीएन मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सरदार सिंह मेड़ा, अपर कलेक्टर श्री संजीव केशव पांडे, समाजसेवी श्री विश्वास पांडे तथा जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष पं. छोटू शास्त्री थे। मप्र शासन के संस्कृति विभाग द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। आयोजन का शुभारंभ अतिथियों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के चित्र एवं श्रीमद्भगवद्गीता का पूजन कर किया गया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में डा. पीएन मिश्रा ने गीता में निहित प्रबंधन के सूत्रों के बारे में व्याख्या करते हुए लोगों को समझाया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता के अध्ययन से जीवन के हर क्षेत्र में प्रबंधन की जानकारी मिलती है। निष्काम कर्म करने की प्रेरणा प्रदान करता है। श्रीमद्भगवद्गीता का अध्ययन आज के हर वर्ग और हर आयु वर्ग के लिए प्रेरणादायी एवं मार्गदर्शक है। जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष पं छोटू शास्त्री द्वारा गीता की वर्तमान प्रासंगिकता के संदर्भों पर विचार व्यक्त किए गए। इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत विश्व गीता प्रतिष्ठान के संयोजक पं. संतोष पांडे और विश्व गीता प्रतिष्ठान के कार्यक्रम प्रभारी व परशुराम कल्याण बोर्ड के पं. अशोक मनोहर जोशी ने किया। नृत्य-नाटिका रही आकृषण् का केंद्र इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित चित्रकला प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसका विद्यार्थियों और सभागार में उपस्थित सभी लोगों ने अवलोकन किया और सराहा। आयोजन का मुख्य आकर्षण नूपुर कला केंद्र की नृत्य-नाटिका रही, जिसमें श्रीकृष्ण की दो रानियों—सत्यभामा और रुक्मणी—से जुड़े प्रसंगों को प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के नोडल अधिकारी श्री प्रवीण शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में ब्राह्मणों द्वारा गीता के 15वें अध्याय का स-स्वर पाठ किया गया, जिसे सभागार में उपस्थित गणमान्य लोगों ने भावपूर्वक दोहराया।