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प्रधान मुख्य वन संरक्षण एवं वन बल प्रमुख श्री वी.एन. अंबाडे द्वारा वन मंडल धार का दौरा किया* *वन मंडल धार के क्षेत्रीय अमले को अनुभवी एवं मार्गदर्शक दिशा निर्देश दिये*

प्रधान मुख्य वन संरक्षण एवं वन बल प्रमुख मध्यप्रदेश भोपाल श्री वी. एन. अंबाडे द्वारा शनिवार को वन मंडल धार का दौरा किया गया। इस दौरान उन्होंने वन मंडल धार के क्षेत्रीय अमले को बहुत ही अनुभवी एवं मार्गदर्शक दिशा निर्देश दिए। इनमें संयुक्त प्रबंध के क्षेत्र में ग्रामीण एवं समिति सदस्यों से संपर्क बनाए रखकर वन सुरक्षा के दायित्वों का निर्वहन करना, नर्सरींयों को हाईटेक करने की दिशा में निर्देशित किया कि नर्सरी में 24×7 कार्य हो एवं वर्षभर पौधे तैयारी लगातार चलते रहे। इसी प्रकार तकनीक के माध्यम से ग्राफ्टिंग, टिशु कल्चर, मिस्ट चौंबर से वातावरण निर्मित कर उन्नत किस्म के एवं व्यापारिक दृष्टि से लाभकारी पौधों को तैयार किया जाना, नर्सरी में उन्नत किस्म के सीताफल, अमरुद, चीकू, वाला महुआ, जंगल जलेबी, मूनगा, इमली, आम, कटहल, चिरौंजी आदि प्रजातियों के पौधे तैयार किए जाने चाहिए। वन क्षेत्र में केवल वानिकी प्रजातियां का रोपण किया जाए वन क्षेत्र से भिन्न क्षेत्रों में ग्रामीणों से चर्चा का उनकी पसंद एवं आवश्यकता की प्रजातियों का रोपण किया जाना चाहिए। वनों में सागौन रोपण के अलावा चंदन, महुआ, अंजन, चिरौंजी आदि का भी प्रयोग करना चाहिए। वन क्षेत्र में सीसू का रोपण नहीं किया जाए बल्कि शीशम का रोपण किया जाना चाहिए। रोपण क्षेत्र में 2 वर्ष की आयु के पौधों का ही रोपण किया जाए। इंफिरियल क्वालिटी के पौधों का रोपण कदापि ना करें। सागौन पौधों का रोपण पॉलिथीन पौधों के स्थान पर रूट सूट द्वारा किया जाना चाहिए। रूट सूट रोपण की तकनीक हेतु क्षेत्रीय अमले का प्रशिक्षण कारपोरेशन के अमले द्वारा कराया जावे। पौधों की मांग दिनों दिन बढ़ती जा रही है अतः स्थानीय ग्रामीण, अन्य विभागों, किसानों से संपर्क कर उनकी मांग का आकलन करते हुए पौधों की तैयारी एवं उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही. RET प्रजाति जैसे कुसुम, अनजन, पीपल, बरगद, गुलर, कुल्लू, खुरासानी इमली आदि का भी रोपण किया जाए। नर्सरी में पौधे तैयार करने हेतु स्थानीय वानिकी प्रजातियों के बीज संग्रहण कर उपयोग करे। वन्य प्राणी एवं मानव द्वंद्व का एक कारण वन क्षेत्र में जल की अनुपब्धलता भी है, इसके लिए वन क्षेत्र में जल स्रोतों का विकास करना आवश्यक होगा। वनों पर कम दबाव करने के लिए ग्रामीण युवाओं को आजीविका एवं कौशल विकास के प्रशिक्षण कराए जाए। नगर वन में निरीक्षण में वन मंडल अधिकारी श्री विजयानंथम टी. आर. द्वारा नगर वन में कौन कौन से वन प्रस्तावित है Rainbow, State tree, Butterfly, State Flower, Edible forest fruit, Medicinal tree, Nakshatra Vatika, Bombusetum, Palmatum, Deciduous forest ecosystem, Teactona grandis forest, Cactus Garden आदि वन (गार्डन) स्थापित किया जाना बताया गया। इस दौरान उन्होंने वन परिक्षेत्र सरदारपुर में नवीन निर्मित रेंजर भवन का उद्घाटन किया गया। ईको विकास समिति पानपुरा के अध्यक्ष, सदस्यों एवं अभ्यारण्य से लगे ग्रामों के स्थानीय लोगों से चर्चा की गई जिसमें जमीनी स्तर की समस्याओं को सुना एवं वन विभाग की और से प्रचलित योजनाओं अनुसार मदद का आश्वासन दिया गया। साथ ही वन स्टाफ एवं स्थानीय लोगों के संयुक्त प्रयास से दुर्लभ पक्षी खरमोर के संरक्षण का आव्हान किया गया, ताकि भावी पीढ़ी भी इसके महत्व को पहचान सकें।

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