आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना
योजना प्रारम्भ होने की दिनांक |
01/07/2016 |
योजना का विवरण |
·योजना सभी वर्ग के हितग्राहीयों के लिए। ·हितग्राही के पास 5 पशुओं हेतु न्यूनतम 1 एकड़ कृषि भूमि होना आवश्यक है तथा पशुओं की संख्या में वृद्धि होने से आनुपातिक रूप से वृद्धि करते हुए न्यूनतम कृषि भूमि का निर्धारण किया जाएगा। ·मिल्क रूट को क्रियान्वयन को प्राथमिकता। इकाई लागत ·पशुपालक न्यूनतम 5 या इसस¢ अधिक पशु की योजना स्वीकृत करा सकेगा तथा परियोजना की अधिकतम सीमा राशि रू. 10.00 लाख तक होगी । ·परियोजना लागत का 75 प्रतिशत राशि बैंक ऋण के माध्यम से प्राप्त करनी होगी तथा शेष राशि की व्यवस्था मार्जिन मनी सहायता एवं हितग्राही का स्वयं के अंशदान के रूप में करनी होगी। ·इकाई लागत के 75 प्रतिशत पर या हितग्राही द्वारा बैंक से प्राप्त ऋण पर जो भी कम हो 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से (अधिकतम रू. 25,000 प्रतिवर्ष) ब्याज की प्रतिपूर्ति 7 वर्षों तक विभाग द्वारा की जाएगी। 5 प्रतिशत से अधिक शेष ब्याज दर पर ब्याज की प्रतिपूर्ति हितग्राही को स्वयं करना होगी। |
हितग्राही (जैसे गरीबी रेखा के नीचे जीवन व्यापन करने वाले अथवा वरिष्ठ नागरिक नागरिक अथवा शिक्षार्थी आदि) |
सभी वर्ग के सीमान्त एवं लघु कृषक। |
हितग्राही को होने वाले लाभ |
मार्जिन मनी सहायता ·सामान्य वर्ग हेतु परियोजना लागत का 25 प्रतिशत्, अधिकतम रू. 1.50 लाख ·अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति हेतु परियोजना लागत का 33 प्रतिशत्, अधिकतम रू. 2.00 लाख । |
योजना का लाभ कैसे लें (आवेदन की बिन्दूवार सम्पूर्ण प्रक्रिया) |
हितग्राहियों का ग्राम सभा में अनुमोदन। ग्राम सभा से अनुमोदित हितग्राहियों का जनपद पंचायत की सभा में अनुमोदन। जनपद पंचायत के अनुमोदन उपरांत जिले के उप संचालक पशुपालन विभाग अनुमोदित प्रकरण को स्वीकृति हेतु बैंक को प्रेषित कर स्वीकृति प्राप्त करेगें। संपर्क संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/पशु औषधालय के प्रभारी /उपसंचालक पशु चिकित्सा । |
लाभार्थी:
सभी वर्ग के हितग्राही, जिनके पास न्यूनतम 05 दुधारू पशु तथा चारा उत्पादन हेतु कम से कम 01 एकड़ भूमि हो
लाभ:
दुग्ध विक्रय से आर्थिक लाभ लेकर परिवार को पूरक पोषण हेतु दूध उपलब्ध करना
आवेदन कैसे करें
आवेदक को विभाग से संपर्क कर आवेदन की आवश्यक पूर्ति पश्चात बैंक को ऋण स्वीकृति हेतु प्रस्तुत करना होगा । बैंक द्वारा ऋण स्वीकृति पश्चात विभाग द्वारा अनुदान स्वीकृति प्रदान की जायेगी । योजना में अधिकतम 10.00 लाख तक का ऋण स्वीकृत किया जा सकता हैं । नियमित ऋण अदायगी करने पर 07 वर्ष तक 5% ब्याज अनुदान (अधिकतम 25000/-) भी प्राप्त होगा ।