अमझेरा
सरदारपुर तहसील का अमझेरा गाँव सरदारपुर के दक्षिण-पूर्व में लगभग 23 किमी एवं धार से उत्तर-पश्चिम में लगभग 27 किमी की दुरी पर स्थित है । तीनों स्थान सड़क मार्ग से आपस में जुड़े हैं एवं बस से आवागमन होता है । अमझेरा का यहाँ स्थित शैव एवं वैष्णव मंदिरों, तालाबों, छत्रियों, कुओं, एक मस्जिद एवं किले के कारण प्राचीन काल से महत्व रहा है । यहाँ महादेव, चामुण्डा एवं अम्बिका माता के 5 शैव मंदिर तथा लक्ष्मीनारायण एवं चतुर्भुजनाथ के 2 वैष्णव मंदिर स्थित हैं ।
अमका झमका मंदिर
यह गाँव का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है । मंदिर माता अमका झमका को समर्पित है । नवरात्री के दौरान यहाँ मेले का आयोजन होता है एवं ग्रामीणजन गरबा कर देवी की आराधना करते हैं । मंदिर के पीछे पाण्डव कालीन एक गुफा भी स्थित है ।
अमझेरा का किला
अमझेरा के किले का निर्माण संभवतः जोधपुर के राजा रामसिंह राठौर द्वारा 18-19 वीं शताब्दी में पत्थरों एवं ईंटों से करवाया था । किले में उसी काल के 3 महल भी स्थित हैं । इनमें से सिर्फ सिर्फ रंग महल ही उल्लेखनीय है क्योंकि इसमें तत्कालीन जीवन के भित्ति चित्र उत्केरित हैं । किले पर 1857 में राजा भक्तावर सिंह द्वारा कब्जा किया गया । राजा भक्तावर सिंह ने 1857 की महान क्रांति के दौरान अंग्रेजों का अत्यंत साहस से विद्रोह किया था, अंग्रेज अधिकारीयों द्वारा राजा को पकड़कर इंदौर में मृत्युदण्ड दे दिया गया । किन्तु राजा ने अपने अमर बलिदान से अमझेरा गाँव का नाम इतिहास के पन्नों में सदैव के लिए अमर कर दिया ।