धार का यह अतिप्राचीन शिव मंदिर आमजन की आस्था एवं श्रद्धा का केंद्र है । इन्हें धार के ईश्वर अर्थात् धारेश्वर, धारनाथ आदि नामों से संबोधित किया जाता है । धारेश्वर महादेव परमार कालीन राजाओं के आराध्यदेव रहे हैं । कहा जाता है कि यह मंदिर राजा भोज के काल का है । धारेश्वर मंदिर का हजारों वर्षों से ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व रहा है । धारेश्वर महादेव धार के राजा कहलाते हैं । प्रतिवर्ष सावन माह में भक्त दूर-दराज से महादेव के दर्शन को आते हैं एवं मंदिर हर हर महादेव एवं बोल बम के नारों से गुंजायमान रहता है । सावन माह में भगवान धारनाथ प्रजा के हाल जानने नगर भ्रमण पर भव्य छबीने के रूप में निकलते हैं । यह परंपरा राजा भोज के समय से चली आ रही है एवं राजा भोज स्वयं भी इस पालकी यात्रा में पैदल चलते थे । यह मंदिर नगर के धारेश्वर मार्ग पर स्थित है एवं सम्पूर्ण वर्ष दर्शन के लिए खुला रहता है ।